नई दिल्लीः जमीयत उलमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind) ने मंगलवार को उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या (Udaipur Murder) की निंदा की। निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित टिप्पणी के समर्थन में इस निृशंस हत्या की घटना को अंजाम दिया गया।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हलसीमुद्दीन कासमी ने उदयपुर में नृशंस हत्या की घटना की निंदा की और कहा कि जाहिर तौर पर पैगंबर के अपमान के बहाने देश के कानून के खिलाफ और धर्म के खिलाफ किसी को भी इस तरह की कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है।
मौलाना ने कहा है कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है। हमारे देश में कानून की व्यवस्था है, किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर संयम रखने और देश में शांति बनाए रखने की अपील की।
घटना उदयपुर के मालदास इलाके की है। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने हमले का खूनी वीडियो पोस्ट किया और सिर काटने की बात कही। पुलिस के अनुसार, हमलावरों में से एक की पहचान रियाज अख्तर के रूप में हुई, जिसने कन्हैया लाल पर धारदार हथियार से हमला किया, जबकि दूसरे घोस मोहम्मद ने अपने मोबाइल फोन पर अपराध रिकॉर्ड कर लिया। घटना के कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर कहा, “हत्या के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और हम कड़ी सजा और त्वरित न्याय सुनिश्चित करेंगे।”
उन्होंने लोगों से वीडियो को साझा नहीं करने की अपील की क्योंकि यह “समाज में कलह पैदा करने के हमलावरों के मकसद को पूरा करेगा”।
भीषण हत्या के बाद बढ़े तनाव के कारण, अधिकारियों ने इंटरनेट बंद कर दिया और पूरे राज्य में सभाओं को प्रतिबंधित कर दिया। राजस्थान सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
एसआईटी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), विशेष अभियान समूह अशोक कुमार राठौर, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस), प्रफुल्ल कुमार और एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी और एक अतिरिक्त एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं।
उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने कहा, “हम उदयपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। आश्रितों (पीड़ित कन्हैया लाल के) को यूआईटी में प्लेसमेंट सेवा के माध्यम से भर्ती का आश्वासन दिया गया है, और परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)