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Presidential Election: विपक्ष की ओर से Gopal Krishna Gandhi दौड़ में सबसे आगे

विपक्षी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक से टीआरएस, आम आदमी पार्टी और बीजद ने जरूर किनारा किया लेकिन, बाकी विपक्षी नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया और राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर अपनी राय रखी। बैठक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) का नाम सबसे आगे चल रहा है।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति उम्मीदवार (Presidential candidate) का नाम फाइनल करने के लिए दिल्ली में टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विपक्षी नेताओं को बैठक के लिए बुलाया।

बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में नेताओं ने बताया कि सभी 16 दलों का एक ही उम्मीदवार होगा, ताकि मोदी सरकार के खिलाफ मजबूती से अपना उम्मीदवार खड़ा किया जा सके।

विपक्षी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक से टीआरएस, आम आदमी पार्टी और बीजद ने जरूर किनारा किया लेकिन, बाकी विपक्षी नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया और राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर अपनी राय रखी। बैठक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) का नाम सबसे आगे चल रहा है।

वे पश्चिम बंगाल के गवर्नर और आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। उनके अलावा बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और यशवंत सिन्हा के नाम पर भी चर्चा की गई थी।

विपक्षी दलों का एक ही उम्मीदवार होगा: ममता
प्रेस कांफ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने तय किया है कि एक ही उम्मीदवार होगा ताकि मोदी सरकार के खिलाफ अपने उम्मीदवार को मजबूती से खड़ा किया जाए। साथ ही केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों पर अंकुश लगाया जा सके। बुधवार को विपक्षी दलों की बैठक शरद पवार के नेतृत्व में हुई थी।

इससे पहले आज बुधवार को ही कंस्टीट्यूशन क्लब में दोपहर बाद शुरू हुई इस बैठक में आने वाले विपक्षी नेताओं का खुद ममता बनर्जी ने हॉल के प्रवेश द्वार पर स्वागत किया।

बैठक में ममता बनर्जी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, जनता दल एस के एच डी देवेगौड़ा और एच डी कुमारस्वामी,कांग्रेस के जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के जयंत चौधरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और तृणमूल के सुखेन्दू शेखर राय आदि नेता ने हिस्सा लिया।

द्रविड़ मुनेत्र कषगम, शिव सेना, नेशनल कांफ्रेन्स,आईयूएमएल , वाम दलों और जेएमएम के नेता भी बैठक में पहुंचे। सूत्रों के अनुसार एआईएमआईएम, तेलंगाना राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने इस बैठक में नहीं जाने का निर्णय लिया है।

एनसीपी नेता शरद पवार के नाम पर लगभग सभी विपक्षी नेताओं की सहमति थी। पवार के नाम पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की भी सहमति थी। लेकिन शरद पवार ने उम्मीदवारी से अपना नाम यह कहकर वापस खींच लिया कि वो अभी सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने रहना चाहते हैं।

ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पवार के नाम पर सभी दलों की सहमति थी लेकिन उन्होंने उम्मीदवारी से इनकार कर दिया। शरद पवार के बाद नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूख अब्दुल्ला का नाम भी सामने आया। ममता बनर्जी की तरफ से यशवंत सिन्हा का नाम आगे बढ़ाया गया लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बनी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस चुप्पी साधी रही।

वाम दलों की ओर से गांधी का नाम आया
सूत्रों के मुताबिक, वाम दलों की तरफ से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे बढ़ाया गया है। इस पर लगभग सभी विपक्षी नेताओं ने अपनी सहमति दी है। सिर्फ कांग्रेस प्रतिनिधियों की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।

गोपाल कृष्ण गांधी ने सोचने के लिए समय मांगा
हालांकि अपना नाम राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए बढ़ाने पर गोपाल कृष्ण गांधी ने सोचने के लिए समय मांगा है। इंडिया टुडे से बात करते हुए, गोपालकृष्ण गांधी ने कहा-मुझसे पूछा गया है कि मेरे नाम पर आम सहमति बनती है तो क्या मैं ऐसे उम्मीदवार होने पर विचार करूंगा। मैंने कहा है कि मुझे इस महत्वपूर्ण सुझाव के बारे में सोचने के लिए कुछ समय चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। इस समय अधिक कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार चुके हैं गांधी
गोपाल कृष्ण गांधी 2017 में भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव में एम वेंकैया नायडू से हार गए थे। 77 वर्षीय पूर्व नौकरशाह ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है।