नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 11 देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के 80 मामलों को अपडेट किया है, 50 की जांच चल रही है, WHO के अनुसार, 5 मई को लंदन में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था, जब एक ही परिवार के 3 लोगों में यह संक्रमण देखा गया था। WHO को इसकी सूचना 13 मई को दी गई थी, लेकिन अब यह बीमारी धीरे-धीरे 11 देशों में फैल गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अन्य 50 संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है – बिना किसी देश का नाम लिए चेतावनी दी कि और मामले सामने आने की संभावना है।
नौ यूरोपीय देशों के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। मंकीपॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में सबसे आम है।
यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार, “यह एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर हल्का होता है और जिससे अधिकांश लोग कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं।”
मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लिए कोई विशिष्ट टीका नहीं है, लेकिन चेचक टीका 85% सुरक्षा प्रदान करता है क्योंकि दोनों वायरस काफी समान हैं।
डब्ल्यूएचओ के यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लूज ने चेतावनी दी कि “जैसे ही हम गर्मी के मौसम में प्रवेश करते हैं … सामूहिक समारोहों, त्योहारों और पार्टियों के साथ, मुझे चिंता है कि संचरण में तेजी आ सकती है”।
स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने शुक्रवार को कहा, “ब्रिटेन में इस बीमारी का पहला मामला 7 मई को सामने आया था। यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि मरीज ने हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा की थी, जहां माना जाता है कि इंग्लैंड जाने से पहले उन्होंने वायरस को पकड़ लिया था। ब्रिटेन में अब 20 मामले हैं।”
इन देशों में फैला मंकीपॉक्स
अब तक, मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) यूरोप, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन के कई देशों में फैल चुका है, इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने भी चिंता बढ़ा दी है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अभी तक इस बीमारी को महामारी घोषित नहीं किया है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह एक छूत की बीमारी है लेकिन कोरोना वायरस से काफी अलग है और फिलहाल इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना बहुत कम है।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?
हालांकि इस बीमारी को लेकर कल डब्ल्यूएचओ में आपात बैठक बुलाई गई थी। मंकीपॉक्स वायरस आमतौर पर चूहों और गिलहरियों जैसे जानवरों में पाया जाता है, इसके ज्यादातर मामले अफ्रीकी देशों से सामने आते हैं, जहां बारिश होती है या अधिक घने जंगल होते हैं, वहां मंकीपॉक्स के कई मामले सामने आए हैं। मंकीबॉक्स का पहला मामला घाना में 1970 में मिला था, इस बार भी मामला लंदन में सामने आया। बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति भी अफ्रीका से यात्रा करके आया था।
कैसे बचें इस बीमारी से?
मंकीपॉक्स के वायरस को एक व्यक्ति में फैलने में 5 से 12 दिन लगते हैं, यह रोग संक्रमित जानवर से फैल सकता है, इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की लार या त्वचा के संपर्क में आने से आमतौर पर 20 दिन में अन्य व्यक्ति को यह रोग हो सकता है। अंदर से यह रोग अपने आप ठीक हो जाता है, कुछ मामलों में अस्पताल में इलाज कराना आवश्यक होता है, चेचक की तरह, मंकीपॉक्स के रोगी को भी आइसोलेशन में रखने की आवश्यकता होती है ताकि यह बीमारी दूसरों में न फैले।
(एजेंसी इनपुट के साथ)