धर्म-कर्म

Yamraj का अपने दूतों को आदेश- Suryadev की पूजा करने वालों से रहें दूर

भविष्य पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी वासुदेव जी से सूर्य पूजा का महत्व बताते हुए कहते हैं कि जो व्यक्ति नियमित सूर्य देव (Suryadev) की पूजा करता है उस पर यमराज (Yamraj) की कृपा बनी रहती है। ब्रह्मा जी ने बताया कि यमराज ने अपने दूतों को यह आदेश दिया है कि जो […]

भविष्य पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी वासुदेव जी से सूर्य पूजा का महत्व बताते हुए कहते हैं कि जो व्यक्ति नियमित सूर्य देव (Suryadev) की पूजा करता है उस पर यमराज (Yamraj) की कृपा बनी रहती है। ब्रह्मा जी ने बताया कि यमराज ने अपने दूतों को यह आदेश दिया है कि जो व्यक्ति सूर्य देव को नियमित दूध और घी अर्पित करता है उसके आस-पास भी यम के दूत नहीं जाएं।

यमराज ने यमदूतों को बताया कि सूर्यदेव उनके पिता हैं और जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की पूजा करता है वह उनके पिता की शरण में होता है। इसलिए ऐसे व्यक्तियों से यमदूत दूर रहें। अगर गलती से भी ऐसे व्यक्ति के पास चले गए तो उनकी शक्ति समाप्त हो जाएगी और मूर्च्छित हो जाएंगे।

भविष्य पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति नियमित फल, फूल, धूप और वस्त्र अर्पित करके सूर्य भगवान की पूजा करता है उनके आस-पास भी यमदूतों को जाने की आज्ञा नहीं है। जो व्यक्ति सूर्य मंदिर की सफाई करता है उसकी तीन पीढ़ियां यमदूतों के प्रभाव से बचे रहते हैं।

वहीं, सूर्य भगवान का मंदिर बनवाने वाले के तो कई पीढ़ियां यमदूतों के प्रभाव और यमलोक जाने से बच जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों को सूर्यलोक में स्थान प्राप्त होता है। अगर आप यह सब नहीं कर पाएं तो जब भी मौका मिले सूर्य देव के मंत्रों का ध्यान करें, इससे भी यमदूत का भय नहीं रहता है।

एक कथा के अनुसार, एक बार यमराज की आज्ञा का उल्लंघन करके यमदूत सूर्य भक्त सत्राजित के पास पहुंच गए। लेकिन सूर्यदेव के प्रभाव से यमदूत बेहोश होकर गिर पड़े।