रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा है कि समाज को और अधिक संगठित कर उसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी समाज के पदाधिकारियों की होनी चाहिए। समाज के पदाधिकारी आपसी मतभेदों को भूलकर एकजुट हों और समाज के लिए काम करें। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान रायपुर के टिकरापारा स्थित भामाशाह भवन में 35 लाख रूपये की लागत से प्रदेश साहू संध के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय श्री अर्जुन हिरवानी के नाम से बनने वाले नए भवन का भूमिपूजन किया और साहू सृजन शीर्षक से प्रकाशित पत्रिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री राम लाल प्रसाद गुप्ता ने छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के निर्वाचित पदाधिकारियों प्रदेश अध्यक्ष श्री टहल सिंह साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष द्वय श्री भुवनेश्वर साहू और श्रीमती मोहन कुमारी साहू को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने साहू समाज द्वारा स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू के नाम से प्रदेश की किसी संस्था का नामकरण करने की मांग पर उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्री ताराचंद साहू चार बार सांसद रहे, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष रहे। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की एक संस्था का नामकरण उनके नाम पर अवश्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें छत्तीसगढ़िया होने पर गर्व है। छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा, यहां के तीज-त्यौहार, व्यंजन के प्रति यहां के लोगों को गर्व की अनुभूति हो, इसके लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। हमें अपनी संस्कृति, अपने रहन-सहन, खान-पान, तीज-त्यौहार पर गर्व है। हमें अपने तीज त्यौहार मनाने चाहिए और अपनी संस्कृति पर गर्व की अनुभूति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मजदूर दिवस पर एक मई को छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश में रहने वाले छत्तीसगढ़ वासियों ने एक आव्हान पर अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति करते हुए बोरे-बासी खाया और सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर शेयर की।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार भी अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। हरेली, तीजा-पोरा, विश्व आदिवासी दिवस, कर्मा जयंती, छेर-छेरा पुन्नी पर अवकाश घोषित किया। आज छत्तीसगढ़ के ठेठरी, खुरमी, फरा, चीला जैसे व्यंजन समारोहों के मंच पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मा जयंती पर अवकाश देने की बात उनके मन में काफी समय से थी, जब मौका मिला तो इसकी घोषणा की गई। राजिम में माघी पुन्नी मेला में हर वर्ष मेला स्थल को विकसित किया जाता था। इसलिए वहां स्थायी अधोसंरचना, लोगों के ठहरने, स्थायी पंडाल बनाने के लिए 55 एकड़ जमीन पर मेला विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम को सांसद चुन्नी लाल साहू, डॉ. सियाराम साहू, दीपक ताराचंद साहू ने भी सम्बोधित किया। प्रदेश साहू संघ के कार्यकारी अध्यक्ष हलधर साहू ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर विधायक सुश्री शकुंतला साहू, छत्तीसगढ़ तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, साहू समाज के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।