धर्म-कर्म

रविवार को इन चीजों के सेवन से हो सकते हैं सूर्यदेव नाराज, जानें क्यों?

जमीन पर गिरे मांस का पहला हिस्सा लहसुन में बदल गया और दूसरा हिस्सा जो तालाब में गिरा वह मछली बन गया। जमीन पर गिरी खून की बूंदें लाल मसूर बन गईं, त्वचा प्याज में बदल गई और हड्डी लाल साग में बदल गई। इसलिए कहा जाता है कि रविवार के दिन इन चीजों को खाना अशुभ होता है

रविवार का दिन सूर्य देव (Surya Dev) की पूजा के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति का आगमन होता है और शत्रुओं का नाश होता है। प्रातःकाल में सूर्यदेव की पूजा करके सूर्य नमस्कार करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं रविवार के दिन कुछ चीजों का सेवन करने से सूर्यदेव नाराज हो सकते हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार हैं। इन सात घोड़ों को इंद्रधनुष के सात रंगों से जोड़कर देखा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव का स्वभाव गर्म है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा, इच्छा-शक्ति, प्रसिद्धि, आँखें, सामान्य जीवन शक्ति, साहस, राजसत्ता, पिता और परोपकार की विशेषता रखते हैं।

मसूर
मसूर में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है, जो मांस में पाए जाने वाली मात्रा से अधिक है। इस कारण इसे ‘देव भोग’ के रूप में चढ़ाने की मनाही है।

लाल साग
रविवार को लाल साग खाना अशुभ माना गया है, क्योंकि इस तरह के मिश्रित अल्पकालिक बारहमासी पौधे को वैष्णव धर्म में मृत्यु का प्रतीक माना गया है।

लहसुन
लहसुन ब्लड प्रेशर को संतुलित करने के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन रविवार को इसका सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लहसुन को अशुभ माना गया है।

मछली
मछली प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स होती है। लेकिन मछली एक मांसाहारी भोजन है, इसलिए रविवार को इसे खाने से बचना चाहिए।

प्याज
प्याज सेहत के लिए खाना अच्छा माना जाता है लेकिन रविवार के दिन इसका सेवन सूर्यदेव को क्रोधित कर सकता है।

क्या है कारण
धार्मिक कथाओं के अनुसार गोमेध यज्ञ में गाय की बलि को एक अनुष्ठान माना जाता था। एक बार एक ऋषि गोमेद यज्ञ करने वाले थे, जिसमें उन्होंने एक गाय की बलि दी. चूंकी लंबे समय से ऋषि और उनकी पत्नि फल और कंदमूल पर रह रहे थे तो उनकी पत्नी से भूख सहन नहीं हुई और उन्होंने खाना पकाने के लिए मृत गाय के शरीर से एक टुकड़ा काटने का फैसला किया।

जब ऋषि की पत्नी मांस की गंध को सहन नहीं कर पाई तो उसने उस टुकड़े को जंगल में फेंक दिया। यह टुकड़ा बाद में दो हिस्सों में बंट गया था। इसके बाद शाम के समय जब ऋषि ने गाय को पुनर्जीवित किया तो जंगल में फेंका गया टुकड़े में जान आ गई।

जमीन पर गिरे मांस का पहला हिस्सा लहसुन में बदल गया और दूसरा हिस्सा जो तालाब में गिरा वह मछली बन गया। जमीन पर गिरी खून की बूंदें लाल मसूर बन गईं, त्वचा प्याज में बदल गई और हड्डी लाल साग में बदल गई। इसलिए कहा जाता है कि रविवार के दिन इन चीजों को खाना अशुभ होता है