छत्तीसगढ़

13वां फैजा इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2022 : छत्तीसगढ़ की ईश्वरी ने दुबई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में जीता रजत पदक

रायपुर : छत्तीसगढ़ के महासमुंद की दृष्टिबाधित धावक सुश्री ईश्वरी निषाद ने दुबई में आयोजित 13वें फैजा इंटरनेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप के अंतर्गत वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2022 में बुधवार को दौड़ प्रतियोगिता में भारत के लिए रजत पदक जीता। सुश्री ईश्वरी ने 400 मीटर की दौड़ एक मिनट 25 सेकंड में पूरी कर दूसरा […]

रायपुर : छत्तीसगढ़ के महासमुंद की दृष्टिबाधित धावक सुश्री ईश्वरी निषाद ने दुबई में आयोजित 13वें फैजा इंटरनेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप के अंतर्गत वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2022 में बुधवार को दौड़ प्रतियोगिता में भारत के लिए रजत पदक जीता। सुश्री ईश्वरी ने 400 मीटर की दौड़ एक मिनट 25 सेकंड में पूरी कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही सुश्री ईश्वरी इस साल अक्टूबर में चीन के हांगझोऊ में होने वाले एशियाई पैरा खेलों के लिए न्यूनतम मानक योग्यता हासिल करने में सफल हो गई हैं। विश्व स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने सुश्री ईश्वरी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
उल्लेखनीय है कि मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने विगत पांच मार्च को राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में सुश्री ईश्वरी को राष्ट्रीय स्तर पर पैराएथलेटिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर सम्मानित किया था। इसके साथ ही उन्होंने कुमारी ईश्वरी निषाद के खेलने के लिए दुबई जाने का खर्च विभाग द्वारा वहन करने की घोषणा की थी।
सुश्री ईश्वरी निषाद, फॉर्चून फाउण्डेशन नेत्रहीन विशेष विद्यालय, बागबाहरा, जिला महासमंुद में अध्ययनरत हैं। उसने वर्ष 2021-22 में बैंगलोर सांई प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित 3तक इंडिया नेशनल ओपन पैरा एथलेटिक चैम्पियनशीप में 200 मीटर रेस में स्वर्ण पदक पाकर देश को गौरवान्वित किया है। सुश्री ईश्वरी दुबई से लौटने के बाद इस माह की 27 तारीख को नई दिल्ली से ओड़िसा के लिए रवाना होंगी। वह भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले 20वें नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भाग लेंगी।
सुश्री ईश्वरी मूलतः महासमंुद जिले के बागबाहरा तहसील के सम्हर गांव की रहने वाली है। उनके माता-पिता मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। कमजोर आर्थिक स्थिति और शारीरिक अक्षमता के बावजूद सुश्री ईश्वरी ने खुद को साबित किया है।