नई दिल्लीः आतंकवादियों को हीरो बनाकर जहरीला नरेटिव स्थापित करने वाले बॉलीवुड ने जो जानबूझ कर कभी नही दिखाया पहली बार कश्मीर का वो सच जुझारू विवेक अग्निहोत्री सामने लाए हैं।
बहुत पुरानी बात नही है, तीस साल पहले, हमारे ही देश में, कश्मीरी पंडितों का शर्मनाक निर्वासन हुआ, और सरकार, न्यायपालिका, मीडिया, कश्मीर और पूरे देश ने खामोशी से यह सब होने दिया। कोई नही रोया उनके लिए।
आज इतने बरस बाद भी, कश्मीर में कश्मीरी पंडितो पर हुए नरसंहार, अपहरण बलात्कार लूट पर, कोई अदालत नही बैठी। आतंकवादियों के लिए आधी रात में मुकदमा सुनने वाले आज तक कश्मीर फाइल्स न खोल सके।
इतिहास में आप इस अत्याचार पर एक शब्द नही पाएंगे। तथाकथित बुद्धिजीवियों का मानना है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। ऋषि कश्यप, आदिशंकराचार्य, अभिनव गुप्त, राजा ललितादित्य की धरती आतंकवादियों की क्रीड़ा स्थली बन गई, और एक लंबे समय तक सबने सबकुछ होने दिया!
तत्कालीन गृह मंत्री की बिटिया के अपहरण के बदले आतंकवादियों की रिहाई सबको याद है। हमारे बहुत आदरणीय श्रीनगर दूरदर्शन के डायरेकर लासा कौल जी की जघन्य हत्या की खबर आज भी दिल दहला जाती है।
कश्मीर की आजादी की बात रटने वाले इस बात में मौन रह जाते हैं कि क्या हुआ था ऐसा, जो कश्मीरी पंडितों को उनके ही घर से बेघर होना पड़ा।
यदि आप अपने घर से बेघर नही होना चाहते तो, कश्मीर फाइल्स देखिए, अपने बच्चो को दिखाइए। वह कड़वा सत्य जिस पर कोई फिल्म नहीं बनी, कोई किताब नहीं लिखी गई, कोई धरने प्रदर्शन नहीं हुए, कोई विशेष अदालतें नही बैठी।
फिल्म 11 मार्च को सिनेमा हॉल में रिलीज हुई है।
The KashmirFiles हर व्यक्ति को देखनी चाहिए, सपरिवार देखनी चाहिए
हमारी भारत विकास परिषद की विभिन्न शाखाओं के माध्यम से जो अपने सदस्यो के साथ फिल्म देखने की योजना बना कर देखना चाहिए और जो लोग फिल्म नहीं देख पा रहे है उनको भी दिखाने की व्यवस्था करनी चाहिए ।
इस फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है और कलाकारों को प्रोत्साहित किया है संभव हो तो इस फिल्म को कर मुक्त करना चाहिए l