मुजफ्फरपुर: 15 अगस्त और 26 जनवरी को राष्ट्र की अस्मिता स्वरूप राष्ट्रध्वज अभिमान के साथ फहराए जाते हैं; परंतु उसी दिन यही कागदी/प्लास्टिक के छोटे राष्ट्र्र्रध्वज जो तुरंत नष्ट भी नहीं होते, वे सडकों, कचरे और नालों में पडे मिलते हैं । यह राष्ट्रध्वज का अनादर है । वर्तमान में दुकानों में तथा ‘ऑनलाइन’ पद्धति से तिरंगे के रंग के मास्क का विक्रय होते हुए दिखाई दे रहा है । अशोकचक्र सहित तिरंगे का मास्क बनाना और उसका उपयोग करना ध्वजसंहिता के अनुसार राष्ट्रध्वज का अपमान ही है । ऐसा करना ‘राष्ट्रीय मानचिन्हों का दुरुपयोग रोकना कानून 1950’, धारा 2 एवं 5 के अनुसार तथा ‘राष्ट्र प्रतिष्ठा अपमान प्रतिबंधक अधिनियम 1971’ की धारा 2 के अनुसार और ‘बोधचिन्ह एवं नाम (अनुचित उपयोग हेतु प्रतिबंधित) अधिनियम 1950’ इन तीनों कानूनों के अनुसार दंडनीय अपराध है । राष्ट्रध्वज के होनेवाले अपमान को रोकने के लिए आज हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा जिलाधिकारी तथा पुलिस प्रशासन को ज्ञापन दिया गया । इस समय अधिवक्ता अभिषक कुमार, अधिवक्ता राहुल कुमार तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से श्री. सुशील चाचान तथा अन्य राष्ट्रप्रेमी उपस्थित थे ।
राष्ट्रध्वज का यह अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (103/2011) प्रविष्ट की गई थी । इस संबंध में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज द्वारा होनेवाला अपमान रोकने का आदेश सरकार को दिया था । उसके अनुसार केंद्रीय और राज्य गृह विभाग तथा शिक्षा विभाग ने संबंधित परिपत्रक भी निकाला है । महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य में ‘प्लास्टिक बंदी’ का निर्णय लिया है । उसके अनुसार भी ‘प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का विक्रय करना’ अवैधानिक है ।
इस समय निम्नांकित मांगे की गईं
1. न्यायालय के आदेशानुसार सरकार राष्ट्रध्वज का अपमान रोकने के लिए उद़्बोधन करनेवाली कृति समिति स्थापित करे । इस समिति में हिन्दू जनजागृति समिति जागृति करने के लिए आपकी सहायता करेगी ।
2. प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज का उत्पादन और बिक्री हो रही हो, तो संबंधित उत्पादकों पर तत्काल कार्यवाही की जाए ।
3. विद्यालयों में ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान करें’, यह उपक्रम कार्यान्वित करने तथा इस विषय पर जागृति करने के लिए समिति द्वारा बनाई गई ध्वनिचित्र चक्रिकाएं विविध केबलवाहिनियों, चलचित्रगृहों में दिखाने की अनुमति दी जाए ।