नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (Surface-to-Air missiles) की खरीद और भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के लिए 14 हेलिकॉप्टरों (choppers) की खरीद के लिए कई सौदों को रद्द कर दिया है। इस फैसले को घरेलू रक्षा क्षेत्र के लिए एक कड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
इस संबंध में एक निर्णय शुक्रवार को नई दिल्ली (New Delhi) में रक्षा मंत्रालय (MoD) की बैठक के दौरान लिया गया। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि विदेशी विक्रेताओं के साथ आयात सौदों की समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) पहल को आगे बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय की बैठकों की श्रृंखला में यह पहला था।
सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में रक्षा आयात सौदों की पहले ही समीक्षा की जा चुकी है, उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कई अन्य सौदों की समीक्षा की जा रही है, जिसमें नौसेना के लिए छह और पी-8आई निगरानी विमान (P-8I surveillance aircraft) और क्लब एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (Klub anti-ship cruise missiles) और सेना के लिए रूसी VSHORAD (बहुत कम दूरी की वायु रक्षा) मिसाइल प्रणाली (Missile System) की खरीद शामिल है।
यह पहल तब हुई जब पीएम मोदी ने पिछले साल रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat), जिनकी 8 दिसंबर को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना (Chopper crash) में मृत्यु हो गई थी, भी बैठक का हिस्सा थे।
पिछले साल बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने महसूस किया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है कि देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ओर मजबूती से आगे बढ़े।
बैठक के बाद, रक्षा मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव-रैंक के अधिकारी ने तीन सेवाओं को एक नोट लिखा, जिसमें कहा गया था कि “सभी हितधारक सैद्धांतिक रूप से कॉल कर सकते हैं कि रक्षा वस्तुओं का कोई आयात आगे नहीं बढ़ रहा है”।
(एजेंसी इनपुट के साथ)