अनमोल कुमार
पटना: AIIMS चीफ गुलेरिया ने बताया कि अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन संस्करण मुख्य रूप से शरीर के ऊपरी श्वसन पथ और वायुमार्ग को प्रभावित करता है। यह फेफड़ों को प्रभावित नहीं करता है। इस कारण, यह एक से दूसरे तक श्वसन के माध्यम से तेजी से पहुंचता है।
क्या है लक्षण :
इसके जो लक्षण सामने आए हैं वह बुखार, नाक बहना, गले में खराश और शरीर में बहुत दर्द और सिरदर्द होना है। उन्होंने कहा कि अगर किसी में यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत जांच करवा लेना चाहिए।
ओमिक्रॉन फेफड़ों के बजाय ऊपरी श्वसन और वायु नली को प्रभावित कर रहा है और इसमें डेटा वेरियंट जैसे गंभीर समस्याएं नहीं आ रही हैं। इससे संक्रमित रोगियों में ऑक्सीजन की अधिक कमी नहीं हो रही है, अतः घबराने की जरूरत नहीं है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि पिछली बार के विपरीत यह नया संस्करण ऑक्सीजन संतृप्ति में इतनी गिरावट का कारण नहीं बनता है। इसलिए जो नॉर्मल वायरस से संक्रमित हैं वे होम आइसोलेशन पर रह सकते हैं। डेटा यह भी बताता है कि रिकवरी बहुत तेजी से हो रही है, घबराहट की स्थिति में नहीं आएं।
ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार सबसे शक्तिशाली उपकरण है। अतः बाहर जाने पर मास्क ठीक से पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोना जारी रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
उपलब्ध डेटा के अनुसार, टीकाकरण गंभीर बीमारी और मृत्यु दर से रक्षा कर रहा है। जिन लोगों ने टीका नहीं लगाया गया है, उन्हें अविलंब टीका लगवाना चाहिए और जो अपने दूसरे शॉट से चूक गए हैं, उन्हें दूसरी खुराक लेनी चाहिए। क्योंकि दोनों खुराक लेने पर ही सुरक्षित रहेंगे।
Comment here
You must be logged in to post a comment.