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सड़क पर होने वाले हादसों के खतरों के बारे में सेफ्टी अलर्ट करेगा MOVE एप

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने भारत में ड्राइवर और रोड सेफ्टी टैक्नोलॉजी के लिए IIT मद्रास और डिजिटल टेक कंपनी MapmyIndia के साथ सहयोग किया है। तीनों ने मिलकर फ्री-टू-यूज़-नेविगेशन ऐप लॉन्च किया जो सड़क पर संभावित दुर्घटनाओं के खतरों के बारे में सेफ्टी अलर्ट देता है। नेविगेशन ऐप […]

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने भारत में ड्राइवर और रोड सेफ्टी टैक्नोलॉजी के लिए IIT मद्रास और डिजिटल टेक कंपनी MapmyIndia के साथ सहयोग किया है। तीनों ने मिलकर फ्री-टू-यूज़-नेविगेशन ऐप लॉन्च किया जो सड़क पर संभावित दुर्घटनाओं के खतरों के बारे में सेफ्टी अलर्ट देता है। नेविगेशन ऐप सर्विस ड्राइवर्स को रास्ते में आने वाले दुर्घटना संभावित क्षेत्रों, स्पीड ब्रेकर, शार्प कर्व्स और गड्ढों के साथ अन्य खतरों के बारे में आवाज और फोटो अलर्ट देगा। यह पहल देश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौत को कम करने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय के प्लान का हिस्सा है।
MaymyIndia द्वारा डेवलप्ड नेविगेशन सेवा ऐप ‘MOVE’ ने 2020 में सरकार का आत्मानिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज जीता है। इस सर्विस का उपयोग नागरिकों और अधिकारियों द्वारा दुर्घटनाओं, असुरक्षित क्षेत्रों, सड़क और यातायात के मुद्दों को मैप पर रिपोर्ट और प्रसारित करने के लिए भी किया जा सकता है। अन्य यूजर्स की मदद करने के लिए डेटा का विश्लेषण IIT मद्रास और MapmyIndia द्वारा किया जाएगा और फिर भविष्य में सड़क की स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा इसका उपयोग किया जाएगा।
बीते नवंबर महीने में सड़क मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर विश्व बैंक से फंडिड IIT मद्रास की रिसर्च से बनाए गए डेटा-ड्रिवन रोड़ सेफ्टी मॉडल को अपनाया। सड़कों को सुरक्षित बनाने और इमरजेंसी रिस्पांस में सुधार करने में मदद के लिए 32 से अधिक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश संस्थान द्वारा विकसित सड़क दुर्घटना डेटाबेस (IRAD) मॉडल का उपयोग करेंगे।
IIT टीम ने 2030 तक सड़क हादसे में होने वाली मौतों को 50 फीसदी तक कम करने और सड़क यातायात दुर्घटनाओं में एक भी मौत नहीं होने के लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में एक रोड मैप विकसित करने में मदद करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए है। सड़क का इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई उपाय कर रही हैं।

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