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मुख्यमंत्री व पुलिस अधिकारियों के बीच चर्चा, नशीला दवाएं रोकने के लिए पुलिसबलों से किया आह्वान

ईटानगरः मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य के पुलिस बलों से राज्य में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि नशीला पदार्थ आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने आगे और कहा कि नशीली दवाओं का खतरा एक गंभीर मुद्दा है।  यह पूरी […]

ईटानगरः मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य के पुलिस बलों से राज्य में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि नशीला पदार्थ आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने आगे और कहा कि नशीली दवाओं का खतरा एक गंभीर मुद्दा है।  यह पूरी तरह से एक पीढ़ी को नष्ट कर सकता है।  हमें समाज के बुजुर्गों और अभिभावकों के रूप में अपना भविष्य बचाने के लिए सब कुछ करने की जरूरत है। हालही में मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (एएपीबीएन) और भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबीएन) के कमांडेंटों के अर्धवार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसको लेकर राज्य सरकार बहुत गंभीर है ।खतरे को खत्म करने तथा राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगी। अपने सदस्यों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए समुदाय-आधारित संगठनों और धार्मिक संस्थानों पर जोर दे रहे हैं। पुलिस को बताया कि नशे की सामाजिक प्रकृति के कारण व्यसनी को सावधानी से संभालने की जरूरत है लेकिन हमें ऐसे तस्करों के साथ कड़ी मेहनत करनी होगी।

उन्होंने कहा कि हम एक विकासशील समाज हैं।  आज के युवाओं के माता-पिता आज भी किसान हैं।  वे दिन-रात मेहनत करते हैं और अपने बच्चों को शिक्षा के लिए भेजते हैं।  शिक्षा पूरी करने के बाद कुछ भाग्यशाली लोगों को नौकरी मिल जाती है लेकिन जीवन पर पकड़ बनाने के लिए कई संघर्ष करते हैं।  युवाओं के ये कमजोर समूह बुरी संगत में पड़ जाते हैं और आदी हो जाते हैं। हाल ही में कई ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ करने में पुलिस की प्रशंसा करने वाले मुख्यमंत्री ने एसपी को सलाह दी कि वे अपने-अपने जिलों में नशा करने वालों पर नज़र रखें और उनकी पहचान गुप्त रखते हुए उन्हें उचित परामर्श प्रदान करें। साइबर अपराध पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने आज के सोशल मीडिया की दुनिया में इससे निपटने के महत्व को स्वीकार किया। साइबर अपराध को लेकर साइबर क्राइम में हमारी पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही है।  हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह अपराध का एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो ट्रेंड कर रहा है और खासकर अरुणाचल प्रदेश जैसे आदिवासी राज्य में यह अधिक से अधिक खतरनाक हो रहा हैै। 

अरुणाचली समाज में कई अलग-अलग और अलग-अलग जनजातियां हैं, इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कोई भी दुरुपयोग नियंत्रण से परे तुच्छ मुद्दों को भड़का सकता है। ईटानगर को देश में सबसे अधिक डेटा खपत करने वाले शहरों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है।  खांडू ने साइबर सेल को निरंतर निगरानी रखने और बहुत देर होने से पहले कार्रवाई करने का सुझाव दिया। जनशक्ति की कमी के कारण राज्य में 36 गैर-कार्यात्मक पुलिस स्टेशनों के अस्तित्व जैसे कुछ मुद्दों पर खांडू ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से 1000 पुलिस पोस्ट बनाने के कैबिनेट के फैसले का पालन करेंगे।  उन्होंने राज्य भर में सेवारत पुलिस कर्मियों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये मुहैया कराने कीीबात भी दोहराई । उन्होंने पुलिस अधिकारियों से लोगों के विश्वास और सम्मान को अक्षुण्ण रखने और कम से कम समय में मामलों को सुलझाने का आह्वान किया। हालही में जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि  राज्य के गृह मंत्री बामंग फेलिक्स सलाहकार (गृह) न्यामार कारबक और पुलिस अधीक्षक आरपी उपाध्याय भी इस सम्मेलन में उपस्थित थे।

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