पटनाः बिहार रंग मंच के भीष्म पितामह कहे जाने वाले बच्चन लाल नहीं रहे। इनका महा प्रयाण आज शाम 4 बजे हीराकुंड अर्पाटमेंट, कदमकुंआ, पटना में हो गया। लगभग 80 वर्षिय बच्चन जी का हीरालाल एण्ड सन्स दुकान मेकअप और नाटकों की वेष-भूषा के लिए बिहार-झारखंड मे मशहुर था। आप एक कुशल रुप सज्जाकार के साथ-साथ एक बेहतरीन अभिनेता भी थे। कभी इनके बैगर पटना में नाटक करना असंभव सा था। रंगमंच के कई पिढियो के साथ आपने काम किया। आप राज्य की चर्चित नाट्य संस्था ‘प्रयास’ के उपाध्यक्ष एवं वर्तमान में संस्था के कार्यकारणी के सदस्य थे। संस्था द्वारा मंचित दर्जनों नाटक में आपका बतौर मेकअप मैन और वस्त्र विन्यासकार के रूप में सहयोग रहा है। ‘रश्मिरथी’ में द्रोणाचार्य की भूमिका कर और उसका मेकअप-ड्रेस डिजाईन कर एक इतिहास रच दिया था। आपकी लम्बी रंग यात्रा रही है। आप अपने पीछे भरा-पूरा परिवार और बिहार रंगमंच के कई शिष्यों को छोड़ गए है।
इनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास स्थान बाकरगंज से शाम चार बजे गुलबिया घाट जाएगा। यहीं इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दुःख की घड़ी में संस्था के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. श्याम ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उपाध्यक्ष बांके बिहारी साव एंव शमोएल अहमद ने रंगमंच की अपुर्णिय क्षति बताया।
दिनांक 12 अक्टूबर को मंगलवार की शाम में, एक्सजिविशन रोड़, पटना स्थित प्रयास संस्था में एक शोक सभा रखा गया है। यह जानकारी रंग निदेशक मिथिलेश सिंह ने दी।
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