विदेश

जब तक मैं जिंदा हूं तालिबान पंजशीर वैली पर कब्जा नहीं कर सकतेः अहमद मसूद

नई दिल्लीः अफगानिस्तान (Afghanistan) की पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) में तालिबान (Taliban) और अहमद मसूद (Ahmad Massoud) की अगुवाई में रेजिस्टेंस फोर्स (Resistance Force) के बीच भीषण लड़ाई जारी है। हाल ही में, तालिबान ने दावा किया कि उसने पंजशीर पर कब्जा करके अफगानिस्तान पर ‘पूर्ण नियंत्रण’ कर लिया है, लेकिन रेजिस्टेंस फोर्स ने इसका […]

नई दिल्लीः अफगानिस्तान (Afghanistan) की पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) में तालिबान (Taliban) और अहमद मसूद (Ahmad Massoud) की अगुवाई में रेजिस्टेंस फोर्स (Resistance Force) के बीच भीषण लड़ाई जारी है। हाल ही में, तालिबान ने दावा किया कि उसने पंजशीर पर कब्जा करके अफगानिस्तान पर ‘पूर्ण नियंत्रण’ कर लिया है, लेकिन रेजिस्टेंस फोर्स ने इसका खंडन किया है। हालांकि इस भीषण वार में दोनों ओर से सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबर है। पंजशीर पर जीत की खुशी में तालिबान ने काबुल में हवाई फायरिंग की है, इसमें 3 लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर है।

अहमद मसूद ने ट्वीट में कहा, ‘‘मैं पंजशीर वैली के प्रवेश द्वार पर खड़ा हूं। जब तक तालिबान मेरे शव के ऊपर से नहीं गुजरेगा, वे पंजशीर को नहीं ले सकते, इस पर संदेह न करें। अब मैं आपसे बात कर रहा हूं, इसका मतलब है कि मैं हूं जिंदा है और पंजशीर अपने पैरों पर खड़ा है।’’

प्रतिरोध में पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह, पूर्व अफगान सुरक्षा बल के सदस्य और स्थानीय मिलिशिया शामिल हैं। दोनों पक्ष बढ़त हासिल करने का दावा कर रहे हैं। सालेह ने उन दावों को भी खारिज कर दिया है कि वह भाग गया था, लेकिन कहा कि स्थिति ‘कठिन’ थी। उन्होंने कहा है कि वे आतंकियों के निशाने पर हैं और इस खतरे के लिए उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है। उन्होंने खुद के ताजिकिस्तान भागने का भी खंडन किया है। सालेह ने कहा है कि वे अभी भी पंजशीर में हैं और तालिबानियों से लड़ रहे हैं।

तालिबान से लोहा लेने में पूर्व अफगान सुरक्षा बल के सदस्य और स्थानीय मिलिशिया शामिल हैं, जिनका नेतृत्व स्थानीय आदिवासी नेता अहमद मसूद कर रहे हैं। उनके पिता ने 1980 के दशक में आक्रमण करने वाले सोवियत संघ और 1990 के दशक में तालिबान से सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी। बीबीसी को भेजे गए एक वीडियो संदेश में, अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने कहा कि दोनों पक्षों में कई लड़ाके हताहत हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि हम मुश्किल स्थिति में हैं। हम पर तालिबान ने हमला किया है। लेकिन हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, हम अफगानिस्तान के लिए खड़े हैं।

अफगानिस्तान में सरकार के ऐलान से पहले कश्मीर का राग अलापने वाले तालिबान को भारत ने करारा जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा है कि भारत संविधान का पालन करता है। यहां मस्जिदों में दुआ करते लोगों पर गोलियों और बम से हमला नहीं किया जाता। न लड़कियों को स्कूल जाने से रोका जाता है और न ही उनके सिर और पैर काटे जाते हैं।

नकवी ने ये बात तालिबान के उस बयान के जवाब में कही हैं, जिसमें कहा गया था कि कश्मीर समेत दुनियाभर के मुसलमानों की आवाज उठाने का हक तालिबान को है। नकवी ने तालिबान से सीधे तौर पर कहा है कि भारत के मुसलमानों को छोड़ दें, उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।

तालिबान आज करेगा सरकार का ऐलान
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार की कमान मुल्ला बरादर संभालेगा। वहीं तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई को भी तालिबानी सरकार में अहम पद दिए जाएंगे। ये सभी काबुल में हैं। 

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

Comment here