लखनऊ: गेहूं खरीद में अभूतपूर्व बदलाव लाने के बाद योगी सरकार ने सूबे में धान खरीद को पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीद के वास्ते किसानों के लिए बुधवार से पंजीकरण लिंक उपलब्ध करा दिया गया। पंजीकरण के लिए आधार में लिंक मोबाइल नम्बर दिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसलिए ऐसे किसान जिन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद की प्रक्रिया में शामिल होना है, अपने आधार पंजीकरण से मोबाइल नम्बर किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर से लिंक करा लें।
सरकार प्रत्येक किसान को उसके धान के एक-एक दाने का मूल्य दिलाने के लिए नई धान खरीद नीति बना चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देश पर बनाई गई नीति पर काम भी शुरू हो चुका है। 16 अगस्त से धान पंजीकरण शुरू होना था लेकिन जरूरी अपडेशन के कारण किसान चाहकर भी पंजीकरण नहीं करा पा रहे थे। धान खरीद के लिए पारदर्शी व्यवस्था के लिए सरकार ने आधार में लिंक मोबाइल पर ओटीपी आधारित पंजीकरण अनिवार्य किया है। पंजीकरण के लिए 24 घंटे में 3 बार ही ओटीपी भेजी जाएगी। इसकी वैधता मात्र 10 मिनट के लिए होगी।
किसानों को यह सुविधा भी दी गई है कि उन्हें अब बैंक विवरण पंजीकरण के समय भरना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि भुगतान आधार से लिंक बैंक खाते में भेजा जाएगा। फिलहाल अधिकारी अधिकारी धान क्रय केन्द्रों की संख्या बढ़ाने, किसानों से उनके खेत के पास ही धान खरीद कराने, पारदर्शी व्यवस्था बनाने, धान खरीद के बाद तत्काल भुगतान करने आदि अनेक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने की तैयारी में जुटे हैं। इस संबंध में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी राकेश मोहन पांडेय का कहना है कि धान क्रय 2021-22 के लिए लिंक उपलब्ध करा दिया गया है। किसानों से आग्रह है कि वे अपना कृपया पंजीकरण कराएं। यदि आधार मोबाइल से लिंक नहीं है तो उसे तत्काल लिंक कराएं।
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