गोरखपुर: महंत दिग्विजयनाथ ने तकरीबन 90 वर्ष पहले शिक्षा के उन्नयन का जो सपना देखा था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसे पूरा कर रहे हैं। शिक्षा को लेकर अपने अभिनव प्रयोगों से वह शैक्षिक नवजागरण का नया कथानक रच रहे हैं। उनके भगीरथ प्रयास से ही शनिवार (आज) को गोरखपुर को एक साथ दो विश्वविद्यालयों की सौगात मिलने जा रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गोरखपुर की इस उपलब्धि को शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप देखा जा रहा है। दोनों विश्वविद्यालयों की स्थापना के बाद गोरखपुर देश और प्रदेश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल होगा, जहां चार-चार विश्वविद्यालय हैं।
सोनबरसा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों लोकार्पित होने वाले महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की भवन योजना से लेकर पाठ्यक्रम निर्धारण तक में मुख्यमंत्री का विशाल विजन दिखता है। विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति को शिक्षा के माध्यम से संजोने की व्यवस्था है तो दुनिया की मांग के अनुरूप रोजगार देने वाले पाठ्यक्रम का इंतजाम भी। दरअसल योगी आदित्यनाथ ने नाथ पंथ के आदि गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर एकीकृत विश्वविद्यालय की परिकल्पना को साकार रूप दिया है। इससे साफ है कि यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा का युगानुकूल प्रतिनिधि बनेगा।
चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुरु श्रीगोरक्षनाथ स्कूल आफ नर्सिंग की शुरुआत तो मुख्यमंत्री योगी ने पहले ही कर दी थी। इस क्षेत्र की विशेषज्ञता वाली शिक्षा की व्यवस्था वह गोरखनाथ विवि में करने जा रहे हैं। इससे जुड़े पाठ्यक्रम विवि में कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि के पाठ्यक्रमों के साथ समानांतर रूप से संचालित किए जाएंगे। 100 सीटों पर बीएएमएस की पढ़ाई इसी वर्ष से शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से मान्यता मिल चुकी है। इसका प्रबंधन विवि से संबद्ध गुरु गोरखनाथ इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेज की तरफ से किया जाएगा।
विश्वविद्यालय में बीएससी व एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी सत्र से डिप्लोमा इन लैब टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन आप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर टेक्नीशियन, डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नीशियन और डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्नीशियन की प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगले पांच वर्ष में एमबीबीएस समेत 30 नए बाजारोपयोगी और रोजगारपरक पाठ्यक्रम के संचालन की योजना है। दरअसल विश्वविद्यालय को मेडिकल और पैरा मेडिकल शिक्षा के हब के तौर पर भी विकसित किया जा रहा है। इसके पीछे मुख्यमंत्री की योजना विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की है।
गोरखनाथ विवि में इन प्रकल्पों का भी उद्घाटन करेंगे राष्ट्रपति
– नर्सिंग कालेज भवन
– आयुर्वेद कालेज भवन
– योगीराज बाबा गम्भीरनाथ अतिथिगृह
-380 नर्सिंग छात्राओं की आवासीय सुविधा वाला मां पाटेश्वरी सेवाश्रम
– अत्याधुनिक उपकरणों से लैस 200 बेड का महंत दिग्विजयनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भवन
Comment here
You must be logged in to post a comment.