लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज आजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजन की श्रृंखला में काकोरी एक्शन ट्रेन की वर्षगांठ के अवसर पर काकोरी शहीद स्मारक लखनऊ में वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया तथा स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित चित्र प्रदर्शनी म्यूरल प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने कहा कि आज की इस ऐतिहासिक घटना का साक्षी होना मेरे लिये गौरव की बात है, यह मेरे लिये एक यादगार पल है।
उन्होंने कहा कि बचपन में पढ़ाई के समय हमने स्वाधीनता संग्राम की घटना को पढ़ा था आज यहां उपस्थित होकर मैं गर्व महसूस कर रही हूँ । राज्यपाल ने कहा कि मातायें गर्व महसूस करती थी जब उनका बेटा देश की आजादी के लिये शहीद होता था, उनका कहना था मुझे दुःख इस बात का है कि यदि मेरा एक और बेटा होता तो मैं उसे देश के लिये समर्पित कर देती। ये थीं हमारी वीरांगना मातायें। उन्होंने कहा कि हमें अपना इतिहास याद रखना चाहिए तथा अपनी पीढ़ी को ऐसी घटनायें याद दिलाना चाहिये, ताकि वे संस्कारवान बन सकें। राज्यपाल जी ने कहा कि इस प्रकार की क्रांतिकारी घटनाओं के सम्बंध में हमारे स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिये। ताकि बच्चे अपने पूर्वजों का इतिहास जाने।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे समाज में देश भक्ति की भावना धीरे-धीरे कम हो रही है, यह अत्यंत गम्भीर है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। हम सभी को जाति धर्म से ऊपर उठकर देश के विकास के लिये कार्य करना चाहिये। आज देश में सभी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करनी है। जो तभी सम्भव होगा जब हम जाति धर्म से ऊपर उठकर ईमानदारी से अपने कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि जब हमारा एक कदम बढ़ता है तब 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ते हैं। कोरोना काल में सभी के सामूहिक प्रयास से हमने विजयश्री प्राप्त की। आज हम संकल्प करें यह मत सोचे कि देश ने हमे क्या दिया, बल्कि यह सोचे कि हमने देश के लिये क्या किया। हमें याद रखना चाहिये कि यदि हम किसी पर एक उंगली उठाते है तो तीन उंगली हमारी तरफ भी उठती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी का यह अमृत महोत्सव हमे प्रेरणा दे रहा है। चौरी-चौरा से शुभारम्भ एवं वर्ष भर चलने वाले इस अमृत महोत्सव में आजादी के आंदोलन में शहीद होने वाले अमर सेनानियों को नमन है। आजादी का अमृत महोत्सव नये विचारों, संकल्पों तथा आत्म निर्भरता का महोत्सव है। आज काकोरी शहीद स्मारक पर यह आयोजन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, क्रांतिवीरों तथा सैनिकों को समर्पित है, जिनके बलिदान से देश की आजादी के साथ-साथ हमारी सीमाएं सुरक्षित है, ऐसे अमर शहीदों को मेरा शत्-शत् नमन। उन्होंने कहा कि देश अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी नही झुका। 1857 की क्रांति ने अंग्रजों की नींव हिला दी थी। क्रांतिकारियों की सभी घटनायें हमे इस बात की याद दिलाती है कि हम एकजुट होकर, जाति धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्र धर्म से जुड़े और एक आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करे।
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