लखनऊ: अखिलेश जी आपके मुंह से सच और ईमानदारी जैसी बातें शोभा नहीं देती। यह सुनकर जनता आप पर हंसती है। कहती है कि सूप हंसे तो हंसे 72 छेद वाली चलनी के हंसने का क्या ओचित्य?
यह बातें उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को जारी एक बयान में कही। वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा जो पार्टी सत्ता में रहते हुए अराजकता और भ्रष्टाचार का पर्याय रही हो। जिसकी बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो। इसी झूठ के बूते जिसने समाज को जाति, क्षेत्र और मजहब में बांट कर जहर बोया हो। सपा के इन्हीं कारनामों के कारण जनता उसे चुनाव डर चुनाव लगातार खारिज करती रही है। यकीनन आगे भी करेगी। बावजूद इसके अखिलेश अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। रोज कोई न कोई नया शगूफा लेकर चले आते हैं। जिन चार लाख सरकारी नौकरियों पर वह सवाल उठा रहे हैं, यह आंकड़ा उससे अधिक है। ये नौकरियां भी पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से मिलीं हैं। इनका एकमात्र मानक मेरिट और सिर्फ मेरिट रहा है। आप अपने समय के नौकरियों की याद करें जिसमें मेरिट और मेधा का कोई मतलब नहीं था। उस समय सरकारी नौकरियों की एक मात्र मेरिट क्षेत्र और मजहब होता था। बावजूद इसके आपके लोग इसके लिए झोला लेकर टहलते थे।
जो लोग नौकरियों को लेकर प्रायोजित धरना-प्रदर्शन करवा रहे हैं वह चंदेबाज हैं। युवाओं के हितैषी नहीं। सरकार पहले ही कह चुकी है कि हर नौकरी की अलग-अलग अहर्ता होती है। उसी अनुसार विज्ञापन निकलता है। आने वाले समय में जब संबंधित युवाओं की अहर्ता के अनुसार विज्ञापन निकलेगा तो उनको भी मेरिट के अनुसार समायोजित कर लिया जाएगा। मेरी युवाओं को नेक सलाह है कि वह झूठों और चंदेबाजों के चक्कर में आने की बजाय आने वाली परीक्षा के लिए तैयारी करें।
मालूम हो कि आज अखिलेश ने एक ट्वीट में लिखा है कि प्राइमरी में भर्ती की माँग कर रहे छात्रों को जिस तरह भाजपा सरकार की पुलिस ने सड़क पर घसीटा व गिरफ़्तार किया है, वो बेहद निंदनीय है।
अगर ईमानदार जाँच हो जाए तो यूपी की भाजपा सरकार के 4 लाख नौकरियों का दावा झूठा साबित होगा। सरकार के प्रवक्ता ने उनके इसी ट्वीट के जवाब उक्त बातें कहीं।
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