उत्तर प्रदेश

परिषदीय स्‍कूलों की बदली सूरत तो कोरोना काल में बढ़ गई छात्र संख्‍या

लखनऊः प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्‍च प्राथमिक वि़द्यालयों की सूरत बदल दी है। पढ़ने के लिए स्‍मार्ट क्‍लास हैं, खेलने के लिए मैदान, आकर्षक चित्रों से लैस शिक्षण कक्ष के साथ साफ पानी और शौचालय की सुविधा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस कायाकल्‍प पर अभिभावकों ने भरोसा जताया। नतीजा यह […]

लखनऊः प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्‍च प्राथमिक वि़द्यालयों की सूरत बदल दी है। पढ़ने के लिए स्‍मार्ट क्‍लास हैं, खेलने के लिए मैदान, आकर्षक चित्रों से लैस शिक्षण कक्ष के साथ साफ पानी और शौचालय की सुविधा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस कायाकल्‍प पर अभिभावकों ने भरोसा जताया। नतीजा यह हुआ कि कोरोना काल में परिषदीय स्‍कूलों में पिछले सत्र से छात्रों की संख्‍या में एक लाख से अधिक का इजाफा हुआ है।

प्रदेश सरकार ने आपरेशन कायाकल्‍प के जरिए प्रदेश के 1 लाख 30 हजार से अधिक स्‍कूलों की तस्‍वीर बदल दी है। कायाकल्‍प के जरिए स्‍कूलों में स्‍मार्ट क्‍लास बनवाए गए। छात्राओं के लिए अलग शौचालयों का निर्माण कराया गया। खूबसूरत शिक्षण कक्षों का निर्माण हुआ। इसके अलावा शिक्षकों ने कोरोना काल के दौरान परिषदीय विद्यालयों के बच्‍चों की पढ़ाई बंद नहीं होने दी। शिक्षकों ने वाट्सअप ग्रुप बनाकर बच्‍चों की नियमित कक्षाएं जारी रखी। बेसिक शिक्षा विभाग की मेहनत रंग भी लाई। कोरोना काल के दौरान इस सत्र में 1,27,068 से अधिक नए छात्रों का परिषदीय स्‍कूलों में नाम लिखा गया। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक‍ सत्र 2020-21 में परिषदीय स्‍कूलों में छात्रों की संख्‍या 1,83,72932 थी जबकि वर्तमान सत्र में छात्रों की संख्‍या में इजाफा होकर यह 1 करोड़ 85 लाख से अधिक हो गई है।

इन प्रयासों से पढ़ाई को मिली रफ्तार
प्रदेश सरकार यूपी की बेसिक शिक्षा की तस्‍वीर बदलने में जुटी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन पढ़ाई को रफ्तार देने के लिए प्ररेणा सारर्थी अभियान शुरू किया। इसमें शिक्षक मिशन प्ररेणा के तहत अपने स्‍कूल के आसपास मोहल्‍ले या गांव का कोई नागरिक , बच्‍चे का अभिभावक, भाई को प्ररेणा सारर्थी के रूप में चयनित करते हैं। इसके बाद प्ररेणा सारर्थी शिक्षकों के साथ मिलकर गांव या फिर मोहल्‍ले में अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं। पिछले साल तक जहां 25 से 30 प्रतिशत बच्‍चें ही ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो रहे थे। वहीं, इस बार इनकी संख्‍या में खासा इजाफा हो रहा है। यूपी के हर स्‍कूल से पचास प्रतिशत से अधिक बच्‍चें ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक बच्‍चों को ई पाठशाला से जोड़ कर उनको नियमित पढ़ाई कराने के साथ होमवर्क और एजुकेशनल विडियोज भेजने का काम कर रहे हैं। इन प्रयासों के चलते ही परिषदीय स्‍कूलों में छात्रों की संख्‍या बढ़ रही है।

समय पर मिल रही किताबें व ड्रेस
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में पिछले सत्र 2020-21 में 1,59,44042 छात्रों को सरकार की ओर से नि:शुल्‍क जूता मोजा व स्‍वेटर वितरित किए गए थे। इसके अलावा 1.83 करोड़ छात्र-छात्राओं को नि:शुल्‍क स्‍कूल बैग बांटे गए थे। इस सत्र में छात्रों की पढ़ाई बधित न हो, इसके लिए उनको किताबें पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। स्‍कूल बंद होने की वजह से छात्रों मिड डे मील का पैसा भी समय पर पहुंचाया जा रहा है। यही नहीं, कोरोना काल में सरकार ने आपरेशन कायाकल्‍प की रफ्तार रूकने नहीं दी।

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