नई दिल्लीः एक स्वतंत्र एजेंसी मैटराइज न्यूज द्वारा उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में करवाए गए सर्वे में एक बार फिर भाजपा का परचम सबसे ऊपर नजर आ रहा है। बीते 12 से 22 जुलाई के बीच करवाए गए इस सर्वे में लोगों से कोरोना की दूसरी लहर के बाद योगी सरकार की स्थिति का आकलन किया गया, जिसमें अधिकांश ने योगी सरकार में विश्वास व्यक्त करते हुए यह संकेत दिया कि अगर इसी वक्त विधानसभा चुनाव हो जाएं तो उसमें भाजपा की सत्ता में वापसी होगी। सर्वे में अधिकांश लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ को सर्वश्रेष्ठ बताया, जबकि दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमशः बसपा की मायावती और सपा के अखिलेश यादव रहे। लोगों से बातचीत के आधार पर यह निष्कर्ष भी निकला कि कोरोना के दौरान मई 2021 में अगर विधानसभा चुनाव होते तो भाजपा को 178 से 182 सीटें ही मिलतीं और 32 फीसद तक वोट मिलते। सीएम योगी के ग्राउंड पर उतरने के बाद स्थितियां तेजी से बदलीं। अगर जुलाई के पहले हफ्ते में चुनाव होते तो भाजपा को 278 से 288 सीटें मिलतीं और 43 फीसदी वोट। कोरोना के दूसरी लहर के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका से 45 फ़ीसदी लोग बहुत अधिक संतुष्ट नज़र आए। बता दें कि स्वयं कोरोना से जूझने के बाद योगी ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की थी और लगभग 45 ज़िलों का दौरा कर डाला था। इसके बाद हालात तेजी से बदले थे और जनता ने इसका प्रशंसा भी की थी।
सर्वे के दौरान यह पूछे जाने पर कि 2022 में विधानसभा चुनाव में मतदान का आधार क्या होगा, इस पर सबसे ज्यादा 22 फीसदी लोगों ने कहा मुख्यमंत्री उम्मीदवार। 12 प्रतिशत जनता ने कहा कि सरकार के कामकाज के आधार पर वोट करेंगे, जबकि 10 फीसदी लोग पार्टी के आधार पर वोट करेंगे। कामकाज के आधार पर योगी 46 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर रहे जबकि 28 परसेंट ने मायावती को और 22 फीसदी लोगों ने ही अखिलेश यादव को बेहतर मुख्यमंत्री बताया।
राजनीतिक दलों की ब्राह्मण वोटरों वोटरों पर नजर
ब्राह्मण वोटरों वोटरों को लेकर राजनीतिक दलों की सक्रियता के बीच इस सर्वे में परिणाम आया है। अभी भी 64 फीसदी ब्राह्मण भाजपा के साथ है। ब्राह्मणों की दूसरी पसंदीदा पार्टी बसपा, फिर कांग्रेस है, जबकि इस दौड़ में सपा सबसे पीछे है। दलित वोटरों के बीच बसपा 45 परसेंट समर्थन के साथ सबसे आगे है दूसरे नंबर पर 43 फ़ीसदी दलित वोटर भाजपा के साथ जा रहे हैं। महिला सुरक्षा के लिए एक के बाद एक कदम उठाने पर लोगों का समर्थन योगी आदित्यनाथ के ही साथ दिखाई पड़ा जबकि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर 52 फीसदी लोग योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया। इस मुद्दे पर 34 फीसदी लोग मायावती पर भरोसा करते हैं जबकि इस मुद्दे पर भी अखिलेश यादव का रिकॉर्ड 12 फीसदी के साथ सबसे कम है।
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