रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष एवं विधायक श्री अरुण वोरा ने महासमुंद में राज्य भंडारगृह निगम के गोदाम का निरीक्षण किया। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं फोर्टिफाइड चावलों की गुणवत्ता जॉची। विधायक श्री वोरा ने भंडारगृह की साफ-सफाई एवं फ्यूमिगेशन का जायजा लिया। शाखा प्रबंधक श्री आर.एस. नयन ने बताया कि महासमुंद ब्रांच की यूटिलाइजेशन 100 फीसदी होने के कारण भंडारगृह की स्वनिर्मित क्षमता 49,960 मेट्रिक टन (एमटी) की है। इसके अलावा 1875 मेट्रिक टन का गोदाम भी किराए से लिया गया है। जिसे मिलाकर भंडारण की क्षमता बढ़कर 51 हजार 835 मेट्रिक टन की हो गयी है जिसमें से 20 हजार मेट्रिक टन पीडीएस एवं बाकी की क्षमता का उपयोग केंद्रीय पूल के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को सरकार की उपलब्धियां के बारें में बताया। उन्होंने कहा कि भंडारगृह की क्षमता बढ़ाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है जिसके लिए पुराने गोदामों के संधारण के साथ ही नवीन गोदामों का निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है। खाद्य पदार्थों की जांच में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से नवा रायपुर में मध्य भारत का पहला फूड टेस्टिंग लैब स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा दूरस्थ क्षेत्रों में समय पर पीडीएस राशन उपलब्ध करवाने प्रदेश भर में 1500 दुकान सह गोदामों का भी निर्माण स्वीकृत किया गया है।
निगम के अध्यक्ष अरूण वोरा से भंडारगृह निगम के कर्मचारियों ने पॉवर स्प्रेयर एवं संस्था के संचालन के लिए इम्प्रेस्ट राशि बढ़ाई जाने का अनुरोध किया। कर्मचारियों के अनुरोध पर अध्यक्ष वोरा ने उनकी जायज मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने का भरोसा दिया। महासमुंद पहुंचने पर संगठन पदाधिकारियों द्वारा भी विधायक वोरा का कई स्थानों पर स्वागत किया गया। प्रवास के दौरान वोरा ने विधायक एवं संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर, पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर एवं संगठन पदाधिकारी डॉ रश्मि चंद्राकर, प्रकाश राव साकरकर आदि से मिलें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, संगठन पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्रामीणों के साथ साथ शहरी क्षेत्रों के लिए भी अभूतपूर्व विकास कार्य एवं नवाचारी योजनाएँ चला रहें है। हम सभी का दायित्व है कि इन योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहूँचाये। इसके लिए हमें मेहनत करने की जरूरत है।
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