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सुलभ मूल्य व्यवसायी संस्था ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया

लखीमपुर (असम): राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत दिसंबर 2013 से राज्य के 2 करोड़ 52 लाख हिताधिकारियों में सुलभ मूल्य के 38,235 व्यवसायी प्रति माह 1,3,5479 मीट्रिक  टन चावल मुफ्त में वितरित करते आ रहे हैं। केन्द्रीय सरकार ने 17 सितम्बर 2015 को एक अधिसूचना के माध्यम से असम को विशेष राज्य का […]

लखीमपुर (असम): राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत दिसंबर 2013 से राज्य के 2 करोड़ 52 लाख हिताधिकारियों में सुलभ मूल्य के 38,235 व्यवसायी प्रति माह 1,3,5479 मीट्रिक  टन चावल मुफ्त में वितरित करते आ रहे हैं। केन्द्रीय सरकार ने 17 सितम्बर 2015 को एक अधिसूचना के माध्यम से असम को विशेष राज्य का दर्जा देकर चावल वितरण के निमित्त दुकानदारों के लिए 143 रुपये प्रति क्विंटल कमिशन निर्धारित किया था। किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि पूर्व काल की राज्य की तरुण गगोई सरकार ने 3 जनवरी 2014 को कैबिनेट की एक मीटिंग में सुलभ मूल्य के दुकानदारों के प्राप्य कमिशन 143 रुपये से 30 प्रतिशत की कटौती कर 100.10 रु कर दिया और उसका भी भुगतान अनियमित रूप से किया गया जो सरासर अन्याय था। यह बातें अखिल असम सुलभ मूल्य व्यवसायी संस्था के अध्यक्ष धरणीधर बरा ने आज नार्थ लखीमपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस मीट में कही। 

उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के इस अन्यायपूर्ण निर्णय के प्रतिवाद में अखिल असम सुलभ मूल्य व्यवसायी संस्था ने विभिन्न ज्ञापन प्रदान करने के साथ साथ धरने के कार्यक्रम को सम्पन्न किया, पर सरकार पर इसका कोई असर नहीं हुआ। निरुपाय होकर हमने दि 09/12/2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को एक ज्ञापन के जरिये कमीशन में कटौती किये जाने की जानकारी दी। सन 2015 के दिसंबर महीने से ही  संस्था लगातार अपने प्राप्य कमीशन दिए जाने की मांग पर अटल रही, पर विगत 66 माह में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। परवर्ती समय में संस्था ने राज्य के जनप्रिय मुख्यमंत्री  डॉ हिमंत विश्व शर्मा को 20 मई और 1 जून को दो ज्ञापन सौपे। 

तदुपरांत उपरी असम के दौरे पर आये मुख्यमंत्री से उत्तर लखीमपुर आवर्त्त भवन में संस्था के एक प्रतिनिधि दल ने (जिसमे संस्था के अध्यक्ष धरणीधर बरा, सचिव हरी नारायण दत्त, प्रवक्ता गुंजन कुमार बरा, रंजन बरा और दिगंत गगोई शामिल थे) ने मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों को उनकी मांगों के मुताबिक 143 रु कमीशन दिए जाने का आश्वासन दिया और गत 26 जून को मुख्यमंत्री ने खाद्य व् नागरिक आपूर्ति विभाग को सुलभ मूल्य के दुकानदारों को 143 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से कमिशन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इससे सम्बंधित खबर विभिन्न चैनलों पर प्रसारित हो चुकी है और हमे उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में इसे स्वीकृति मिल जाएगी। 66 महीनो के बाद राज्य के दुकानदार परिवार को मान्यता प्रदान कर मुख्यमंत्री ने जो न्याय किया गया है इसके लिए संस्था उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती है। संस्था के अध्यक्ष बरा ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत की गई आपूर्ति के लिए 22 महीने के लिए उनके प्राप्य कमिशन का भुगतान किये जाने की भी मांग की।

संस्था के अध्यक्ष बरा ने बकाये राशि का विवरण देते हुए बताया कि दिसम्बर 2015 से जून 2020 तक की अवधि के लिए 42.90 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से 3,13,85,06,514 रुपये, रेगुलर (नियमित) के जुलाई 2020 से जून 2021 तक के लिए 143 रूपये के हिसाब से 2,32,48,19,640 रुपये प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना के तहत की गई आपूर्ति के लिए 17,95,84,369.50 रुपये बाकी हैं इस तरह सुलभ मूल्य के दुकानदारों की प्राप्य राशि 7,25,91,69,846.50 रुपये हैं।

प्रेस मीट में संस्था के सचिव हरी नारायण दत्त, प्रवक्ता गुंजन बरा, राज्यिक सदस्य रंजन दत्त और दिगंत गगोई भी उपस्थित थे।

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