नई दिल्लीः पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में पानीपत के गांव बाल जाटान के पास 500 बेड के कोविड केयर अस्पताल का उद्घाटन आज किया। इस अवसर पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और करनाल लोकसभा सांसद संजय भाटिया भी मौजूद थे। इस अस्पताल का निर्माण हरियाणा सरकार ने इंडियन ऑयल के सहयोग से किया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड इसके लिए गैसीय ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी। पानीपत में रिफाइनरी के पास बने अस्थायी कोविड अस्पताल का नाम गुरु तेग बहादुर संजीवनी कोविड अस्पताल रखा गया है।
इस अस्पताल को बनाने का काम दिनांक 29 अप्रैल को शुरू हुआ था जो युद्ध स्तर पर चला। संबंधित जिला सिविल अस्पताल से रेफर होने के बाद अस्पताल आसपास के जिलों जैसे पानीपत, करनाल, सोनीपत आदि से मरीजों की जरूरतें पूरी करेगा। इस अस्पताल में सरकारी डॉक्टरों, प्रशिक्षु डॉक्टरों, नर्सों एवं नर्सिंग छात्रों समेत 275 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवर तैनात होंगे। यह अस्पताल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स द्वारा स्थापित 15 मीट्रिक टन/ प्रतिदिन अधिकतम क्षमता की समर्पित गैसीय ऑक्सीजन पाइपलाइन से लैस है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने स्वास्थ्य कर्मियों के ठहरने की भी व्यवस्था की है जो छह महीने की अवधि के लिए आसपास के होटलों में रह कर इस अस्पताल में काम करेंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री प्रधान ने इंडियन ऑयल और हरियाणा सरकार को इतनी कम अवधि में इस परियोजना को पूरा करने के लिए बधाई दी। कोविड-19 महामारी को एक सदी में आया बड़ा संकट बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोविड-19 के दूसरे उछाल के खिलाफ लड़ने और जान बचाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पेट्रोलियम और इस्पात क्षेत्र के योगदान के बारे में प्रधान ने कहा कि ये दोनों क्षेत्र मिलकर दैनिक आधार पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की राष्ट्रीय आवश्यकता के प्रमुख भाग की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने एलएमओ के आयात, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और क्रायोजेनिक कंटेनरों की खरीद, रिफाइनरियों में सिलेंडर भरने और तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए लॉजिस्टिक्स सहायता प्रदान करने जैसे कदमों पर भी प्रकाश डाला। इस्पात और पेट्रोलियम क्षेत्र द्वारा जंबो (वृहत स्तर पर निर्मित) कोविड देखभाल सुविधाओं की स्थापना का उल्लेख करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि इस्पात क्षेत्र गैसीय ऑक्सीजन का उपयोग करते हुए 15 स्थानों पर जंबो कोविड सुविधाएं स्थापित कर रहा है और कोविड रोगियों के उपचार के लिए लगभग 8500 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर उपलब्ध कराए जाएंगे । इसी तरह पेट्रोलियम सेक्टर भी अपनी रिफाइनरियों (बीपीसीएल बीना, आईओसी पानीपत, बीपीसीएल कोच्चि, एचएमइएल भटिंडा और सीपीसीएल चेन्नई) में 2000 बेड की सुविधाएं देगा ।
मंत्री महोदय ने कहा कि ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड और दवाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि अगले कुछ महीनों में वैक्सीन की उपलब्धता में काफी तेज़ी आएगी। मंत्री महोदय ने कहा कि आईओसीएल सभी हितधारकों (पेट्रोल पंपों के कर्मचारियों, एलपीजी वितरण में लगे लोगों समेत) के साथ-साथ पानीपत रिफाइनरी के पास रहने वाले लोगों को मुफ्त टीकाकरण प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इंडियनऑयल पानीपत में श्रमिकों के लिए कम लागत वाले आवास का 100 करोड़ रुपये का क्लस्टर बनाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की दूसरी लहर, जो बहुत तेज़ी से फैली है, से लड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बड़ी संख्या में पीड़ित लोगों के इलाज में ऑक्सीजन की उपलब्धता एक बड़ी बाधा थी। रिफाइनरी और स्टील प्लांट जैसे ऑक्सीजन उत्पादक केंद्रों के पास कोविड अस्पतालों की स्थापना से समस्या कम होने वाली है। उन्होंने बताया कि स्टील प्लांट के पास हिसार में 500 बेड के सेंटर का उद्घाटन किया गया है। रिफाइनरी के पास इस केंद्र के साथ-साथ सरकार के प्रयास बढ़ेंगे और लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि महामारी की तीसरी लहर की बात की जा रही है, जो आ सकती है या नहीं भी आ सकती है, लेकिन हमें सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। मुख्यमंत्री ने इतने कम समय में अस्पताल के संचालन के लिए राज्य के विभिन्न विभागों और इंडियन ऑयल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि 300 बेड तुरंत उपलब्ध हो जाएंगे जबकि शेष 200 बेड जल्द ही शुरू किए जाएंगे।
आईओसीएल पानीपत रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स द्वारा 1.65 करोड़ रुपये की लागत से 500 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया है। यह कार्य पानीपत नेफ्था क्रैकर के एमईजी प्लांट तक जाने वाली गैसीय ऑक्सीजन लाइन से 1.75 किमी 3'' एसएस-304 पाइपलाइन बिछाकर युद्ध स्तर पर पूरा किया गया है । समानांतर ही 6" फायर वाटर लाइन भी बिछाई गई है । अस्पताल वाले सिरे पर 30 किलो/सेमी2 से 7.5 किलो/सेमी2 तक दबाव में कमी करने लिए दो नियंत्रण वाल्व के साथ गैसीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक टैपिंग की गई है। इस लाइन में अस्पताल को 15 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की क्षमता है। यह ऑक्सीजन आपूर्ति अस्पताल को निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इंडियन ऑयल सीएसआर के तहत 1.84 करोड़ रुपये की लागत से चौबीसों घंटे डॉक्टरों के ठहरने की व्यवस्था करने हेतु आसपास के होटलों में 50 कमरे भी उपलब्ध करा रहा है।
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