नई दिल्लीः अमेरिका ने सबसे बड़े साइबर हमले के बाद इमरजेंसी देश में आपातकाल घोषित कर दी है। जिन हैकर्स ने शुक्रवार को विशाल औपनिवेशिक पाइपलाइन को बंद कर दिया, उन्होंने कथित तौर पर एक दिन पहले शीर्ष अमेरिकी ईंधन पाइपलाइन के खिलाफ साइबर हमले शुरू कर दिए और बड़ी मात्रा में डेटा चुरा लिया। अमेरिका के पूर्वी तट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 प्रतिशत सप्लाई इसी पाइपलाइन से होती है। फिलहाल यहां कामकाज बंद हो गया है। सेवा को फिर से शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
ब्लूमबर्ग समाचार वेबसाइट ने कंपनी की जांच में शामिल दो लोगों का हवाला देते हुए कहा, हमलावर गुरुवार को डार्कसाइड नामक साइबर अपराध समूह का हिस्सा हैं और गुरुवार को केवल दो घंटे में कॉलोनियल नेटवर्क से लगभग 100 गीगाबाइट डेटा ले लिया। इसके बाद हैकरों ने कुछ कंप्यूटरों और सर्वरों पर डेटा को लॉक कर दिया और शुक्रवार को फिरौती की मांग की।
कहा जा रहा है कि हैकर्स ने इस पाइप लाइन की साइबर सिक्योरिटी पर शुक्रवार को हमला किया था। इस साइबर हमले के बाद 18 राज्यों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि इस हमले के बाद ईंधन की कीमतों में सोमवार को 2-3 फीसदी का इजाफा हो सकता है। साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।
क्या है रैनसमवेयर हमला?
रैनसमवेयर साइबर हमला (Ransomware Cyber Attack) ऐसा मालवेयर होता है जो किसी कंप्यूटर सिस्टम को ब्लॉक कर देता है और उसका डेटा वापस करने या कंप्यूटर को फिर से खोल सकने के लिए फिरौती की मांग करता है। हालांकि, कोलोनियल पाइपलाइन कंपनी ने यह नहीं बताया कि किस चीज की मांग की गई और किसने मांग की है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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