नई दिल्लीः देश में इस समय कोरोना वायरस के चलते हालात बेकाबू हो गये हैं। आक्सीजन की कमी, दवाईयों की कमी और वैक्सीन की कमी से सभी राज्य जूझ रहे है। इसके चलते मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। खतरनाक दूसरी लहर को देखते हुए मोदी सरकार ने एक बार फिर कमर कस ली है। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही देश में सरकार एक बार फिर से 21 दिनों का लाॅकडाउन लगा सकती है। इस बार का लाॅकडाउन पहले से अलग तरीके का हो सकता है। इस बार स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी स्थानीय एजेंसियों को न देकर सेना को दी जा सकती है। इसके लिए सेना और अर्द्धसैनिक बलों को अलर्ट कर दिया गया है।
इस बीच, राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए नसीहत दी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार समझ नहीं रही है। कोरोना को फैलने से रोकने का एकमात्र रास्ता पूर्ण लॉकडाउन है। कमजोर वर्ग की सुरक्षा के लिए 'NYAY' जैसी योजना के साथ देश में पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए। भारत सरकार की निष्क्रियता से कई मासूम लोग मर रहे हैं।’’
पीएम मोदी ने पहले भी कहा है कि देशभर में तालाबंदी वैश्विक महामारी से लड़ने का एकमात्र तरीका है। कोरोनो वायरस प्रकोप के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए यह आवश्यक है। विशेषज्ञों और घातक वायरस से लड़ने वाले देशों के अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि बीमारी से लड़ने का एकमात्र तरीका लाॅकडाउन ही है। इसके अलावा मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर और वैक्सीन लगवाकर ही इस बीमारी से लड़ा जा सकता है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है। ये वायरस इतनी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। देश के अधिकतर राज्यों के अस्पतालों में बिस्तर, डॉक्टर, ऑक्सीजन, दवाईयों और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की जबरदस्त कमी देखने को मिल रही है। हालात ये हैं कि रोजाना तीन लाख से ऊपर लोग संक्रमित हो रहे हैं और हजारों लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो रही है। हालात इतने खराब हैं कि मरने के बाद लोगों को श्मशान घाट पर लम्बी लाइनें लगानी पड़ रही हैं।
गौरतलब है कि दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब समेत करीब 10 राज्यों से अधिक आ रहे हैं। तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मद्देनजर कुछ राज्यों में छोटा लॉकडाउन लगाया गया है, तो किसी-किसी जिले या फिर शहरों में नाइट कर्फ्यू या वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया है. किसी-किसी राज्य में तो आंशिक बंदी भी की गई है। लेकिन, इसके बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण की दरों में कोई खास गिरावट नहीं देखी गई है।
राज्य सरकारों द्वारा कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे एहतियाती कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं। इन परिस्थितियों के चलते आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कोई कड़ा फैसला ले सकती है। हालांकि, पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मीडिया के सूत्रों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार आने वाले दिनों में कम से कम 21 दिनों का लॉकडाउन लगा सकती है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार की ओर से इस प्रकार के कोई संकेत नहीं दिए गए है।
बता दें कि रविवार की देर रात सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में केंद्र सरकार को यह सलाह जरूर दी गई है कि सरकार कुछ दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए। वैसे देश की भयावह स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट, कोरोना टॉस्क फोर्स, वैज्ञानिक और डॉक्टर, इन सबके द्वारा कही गई बातों के अनुसार, कोरोना की चेन तोड़ने के लिए केंद्र सरकार के पास संपूर्ण लॉकडाउन लगाने के अलावा और कोई चारा नजर नहीं आ रहा है।
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