नई दिल्ली: देश के नागरिकों के जीवन को प्रभावित करने वाली गंभीर कोविड-19 महामारी में हो रही वृद्धि और करदाताओं, कर सलाहकारों एवं अन्य हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों के मद्देनजर, पूर्व में विभिन्न अधिसूचनाओं के साथ-साथ प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के अतंर्गत, विभिन्न निर्धारित तिथियों की समय सीमा, जिन्हें पहले 30 अप्रैल, 2021 तक बढ़ाया गया था, सरकार ने आज इस समय-सीमा को और बढ़ा दिया है।
विभिन्न हितधारकों से प्राप्त हुए अभ्यावेदनों और उनके द्वारा महसूस की जा रही कठिनाई को दूर करने के मद्देनज़र, केंद्र सरकार ने कराधान और अन्य कानून (छूट) और विभिन्न प्रावधानों में संशोधन अध्यादेश, 2020 के अंतर्गत जारी की गई विभिन्न अधिसूचनाओं के माध्यम से पूर्व में 30 अप्रैल, 2021 तक बढ़ायी गई समय सीमा को अब 30 जून, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है, इनमें निम्नलिखित मामले शामिल हैं: –
(i) आयकर अधिनियम, 1961 (इसके बाद 'कानून' कहा जाता है), के तहत मूल्यांकन अथवा पुनर्मूल्यांकन के लिए किसी भी आदेश को पारित करने की समय सीमा जिसे धारा 153 अथवा धारा 153बी के तहत प्रदान किया जाता है;
(ii) अधिनियम की धारा 144 सी की उपधारा (13) के तहत डीआरपी के निर्देश के परिणामस्वरूप एक आदेश पारित करने की समय सीमा;
(iii) मूल्यांकन को फिर से जारी करने के लिए अधिनियम की धारा 148 के तहत नोटिस जारी करने की समय सीमा, जहां आय का मूल्यांकन नहीं किया गया है;
(iv) वित्त अधिनियम 2016 की धारा 168 की उपधारा (1) के तहत समकारी लेवी की प्रक्रिया की सूचना भेजने की समय सीमा।
यह भी तय किया गया है कि प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत देय राशि के भुगतान की समय-सीमा को भी, बिना अतिरिक्त राशि के, 30 जून, 2021 तक बढ़ा दिया जाएगा।
उपरोक्त तिथियों के विस्तार की जानकारी हेतु अधिसूचना नियत समय में जारी की जाएगी।
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