नई दिल्ली: सीजीएसटी दिल्ली के उत्तरी आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों ने डाटा विश्लेषण और इंटेलीजेंस रिपोर्ट के आधार पर कृष्ण कुमार की पहचान की है। जो अपने मित्रों और कर्मचारियों के पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर फर्जी फर्म बनाने और उसे चलाने की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल थे।
अब तक की गई जांच में पाया गया है कि मेसर्स श्रद्धा ट्रेडर्स, मेसर्स अंसारा इम्पेक्स, मेसर्स विजेता एंटरप्राइजेज, मेसर्स एसएम एजेंसियों और मैसर्स दीपाशा सेल्स नाम से कुल 5 फर्जी फर्में बनाई गई थीं। जो कि मक्खन / घी / तेल जैसे उत्पादों के नाम पर फर्जी बिल बना रही थीं। इनके जरिए करीब 94 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जी तरीके से हासिल किया गया।
घर पर सर्च के दौरान एटीएम कार्ड, हस्ताक्षरित चेक, बैंक दस्तावेज़, फर्जी फर्मों की मोहर और एक परिवहन कंपनी की मुहर , जिसका उल्लेख फर्जी कंपनियों के ई-वे बिल पर है और सिम कार्ड आदि पाए गए हैं। जिनका इस्तेमाल फर्म के पंजीकरण के लिए किया जाता था।
इन साक्ष्यों के आधार पर कृष्ण कुमार ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (बी) के तहत अपराध किया है। तदनुसार, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के प्रावधानों के तहत 25.03.2021 को गिरफ्तार किया गया । उन्हें मजिस्ट्रेट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और इस संबंध में आगे की जांच जारी है।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि वित्त वर्ष 2020-21 में, सीजीएसटी दिल्ली जोन ने विभिन्न मामलों में कुल 40 गिरफ्तारियां की हैं। जिसमें 5310 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के मामले सामने आए हैं।
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