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उत्तराखंड के सीएम ने कहा- ‘अमेरिका ने हमें 200 साल तक गुलाम रखा’

नई दिल्लीः उत्तराखंड (Uttarakhand) के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को राज्य का नेतृत्व संभाले अभी कुछ ही दिन बीते हैं। लेकिन, अपनी विवादित टिप्पणियों से वह चर्चा में रहे हैं। रिप्ड जींस (Ripped Jeans) पहनने वाली महिलाओं पर उनकी टिप्पणी से उबरने के बाद, उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत […]

नई दिल्लीः उत्तराखंड (Uttarakhand) के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को राज्य का नेतृत्व संभाले अभी कुछ ही दिन बीते हैं। लेकिन, अपनी विवादित टिप्पणियों से वह चर्चा में रहे हैं। रिप्ड जींस (Ripped Jeans) पहनने वाली महिलाओं पर उनकी टिप्पणी से उबरने के बाद, उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रविवार को एक और विवादित बयान दिया। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत कोविड-19 महामारी से निबटा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हमें 200 साल तक गुलाम बनाया। 

इसके बाद उन्होंने कहा कि अमेरिका, जिसने हमें 200 वर्षों तक गुलाम बना रखा, अब वायरस से लड़ने के लिए संघर्ष कर रहा है और वहां कम आबादी और उन्नत स्वास्थ्य प्रणाली के बावजूद भारत की तुलना में अधिक वायरस से मौतें देखी हैं।
तीरथ सिंह रावत ने कहा, जहां अमेरिका के 200 वर्षों तक हम लोग गुलाम थे, पूरी दुनिया पर उसका राज था, यह कहा गया था कि सूरज कभी अस्त नहीं होता था। लेकिन वर्तमान में, वो डोल गया बोल गया। वहां पर मृत्युदर का आंकड़ा तीन लाख से ऊपर चला गया।

सीएम रावत ने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों ने हमें वायरस से बचाया और जनता को कोविड-19 मानदंडों और सावधानियों का पालन करने का श्रेय भी दिया, जो प्रधानमंत्री ने मास्क पहनने, स्वच्छताशियों का उपयोग करने और बार-बार हाथ धोने के रूप में सूचीबद्ध किया था।

‘रिप्ड जींस’ विवाद
10 मार्च को देहरादून में उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले तीरथ सिंह रावत ने रिप्ड जींस पहनने वाली महिलाओं पर अपनी टिप्पणी के साथ पद संभालने के तुरंत बाद विवाद खड़ा कर दिया। उत्तराखंड के सीएम रावत ने कहा कि एक गैर सरकारी संगठन की महिला अपने बच्चे के साथ मुझसे मिली और यह देखकर मुझे झटका लगा कि वो रिप्ड जींस पहने हुए थी।
 
तीरथ सिंह रावत ने कहा, ‘‘अगर ऐसी महिलाएं लोगों से मिलने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए समाज में जाती हैं, तो हम अपने बच्चों को समाज के लिए किस तरह का संदेश दे रहे हैं? यह सब घर पर शुरू होता है। हम क्या करते हैं, हमारे बच्चे क्या करते हैं? एक बच्चा जिसे घर पर सही संस्कृति सिखाई जाती है, वह चाहे कितना भी आधुनिक हो जाए, जीवन में कभी असफल नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महिला, नंगे घुटने दिखा रही है, रिप्ड डेनिम पहने हुए और अमीर बच्चों की तरह दिख रही है। ये मूल्य अब घर पर दिए जा रहे हैं, घर से नहीं तो यह कहाँ से आ रहा है?’’

इतना ही नहीं, तीरथ सिंह रावत ने राज्य के रामनगर में एक कार्यक्रम में एक और धमाका किया जब उन्होंने अपने परिवार की संख्या के आधार पर परिवारों को दिए जाने वाले राशन पर बात की। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक परिवार को प्रति यूनिट राशन मिलता था, जिनके 2 बच्चे थे, उन्हें 10 किलो मिला, जबकि जिनके 20 बच्चे थे, उनको क्विंटल प्राप्त हुआ। लोग इस परिदृश्य में भी एक-दूसरे से ईष्र्या करते थे। जब समय था, तो आपने केवल 2 बच्चों को जन्म दिया, तो गलती किसकी है। फिर ईष्र्या क्यों करें।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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