नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार फरवरी 2021 के दौरान छह विक्षोभों और चार प्रेरित चक्रवाती परिचलनों ने उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित किया। इनमें से दो विक्षोभों ने पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में छिटपुट से लेकर दूर-दूर तक अच्छी बारिश / बर्फबारी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। उत्तर पश्चिम भारत और आसपास के मैदानी इलाकों में छिटपुट वर्षा/गरज के साथ छींटे पड़ने की गतिविधि देखी गई। इन दोनों प्रणालियों के गुजरने के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कहीं-कहीं पर ओलावृष्टि की गतिविधि भी दर्ज हुई।
(बी) मध्य, प्रायद्वीपीय और आसपास के पूर्वी भारत में नमी का दौर:
16 से 19 फरवरी के दौरान मध्य और पूर्वी भारत और महाराष्ट्र में नमी का दौर रहा और कहीं-कहीं पर ओला वृष्टि भी हुई। 19 से 22 फरवरी के दौरान प्रायद्वीपीय भारत के ऊपर मध्यम और उपरी ट्रोपोस्फीयर में मध्य आक्षांशी पश्चिमी हवाओं के प्रभाव के तहत धीमें स्तर की पूर्वी हवाएं चलीं।
(सी) देश में मासिक वर्षा परिदृश्य (01 से 28 फरवरी 2021)
फरवरी, 2021 महीने के दौरान पूरे देश में 7.6 मिमी वर्षा हुई, जो तालिका 1 के अनुसार 23.5 मिमी लंबी अवधि औसत (एलपीए) की तुलना में -68 प्रतिशत कम थी। चित्र-1 में जनवरी 2021 में मौसम विभाग के उपखंड वार बारिश को दर्शाया गया है। इस महीने के दौरान, 9 उपखंडों में बहुत अधिक बारिश हुई जबकि 2 उपखंडों में सामान्य और शेष 23 उपखंडों में बारिश की कमी या भारी कमी रही तथा 2 उपखंडों (सौराष्ट्र और कच्छ तथा पश्चिम राजस्थान) में बिलकुल बारिश नहीं हुई।
(डी) पंजाब और हरियाणा में 10-22 फरवरी 2021 के दौरान घने कोहरे की असामान्य लंबी अवधि का दौर रहा।
इनसैट 3डी से प्राप्त सतही अवलोकनों और उपग्रह फोटो के अनुसार, 10-22 फरवरी 2021 की अवधि के दौरान पंजाब और हरियाणा के आधिकांश क्षेत्रों में लगभग हर दिन देर रात से लेकर सुबह तक लगातार घना कोहरा और दूर-दूर तक कोहरा छाया रहा। इस घने कोहरे की इनसेट 3डी द्वारा 11-21 फरवरी 2021 की अवधि के दौरान रोजाना 08:45 बजे खींची गई तस्वीरों के अनुसार इस घने कोहरे की कवरेज को चित्र 2 में दर्शाया गया है।
इस तरह के घने कोहरे के कारण इन क्षेत्रों में अधिकांश दिनों में रात से सुबह तक दृश्यता घटकर 200 मीटर से कम हो गई थी। अमृतसर में 1-28 फरवरी 2021 के दौरान 15 दिनों में 168 घंटों तक पूरे मास के दौरान घना कोहरा छाया रहा। यह घना कोहरा दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पूर्व की ओर और राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों में दक्षिण की ओर लगातार बढ़ता रहा (संदर्भ चित्र-2)। लगभग 7 से 10 दिनों तक यह स्थिति कायम रही। सात दिनों तक इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में कुल 28 घंटों तक यह आकलन किया गया।
अधिकतम तापमान के लिए संभावित पूर्वानुमान (चित्र 3ए) यह दर्शाते हैं कि उत्तर भारत के मैदानों के निकटवर्ती हिमालय, पश्चिम, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत और मध्य भारत के कुछ उपखंडों में सामान्य रूप से रहने वाले अधिक तापमान से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है।
न्यूनतम तापमान के लिए संभावित पूर्वानुमान (चित्र 3बी) यह दर्शाता है कि उत्तर भारत के अधिकांश उपखंडों से साथ-साथ हिमालय की पहाडियों, उत्तर पूर्व भारत और पश्चिम तथा पश्चिमी तटीय भारत के कुछ उपखंडों में सामान्य न्यूनतम तापमान से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश के उपखंडों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
मध्यम तापमान के लिए संभावित पूर्वानुमान (चित्र 3सी) यह दर्शाता है कि उत्तर भारत के साथ-साथ हिमालय की तलहटियों, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, उत्तर पूर्व और पूर्वी भारत तथा पश्चिमी तट के कुछ उपखंडों में सामान्य मध्यम तापमान से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है।
पूर्वानुमान: वर्षा का पूर्वानुमान
सप्ताह 1 (5 – 11 मार्च, 2021)
मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) के प्रभाव के कारण, 4 और 5 मार्च, 2021 को डब्ल्यूएचआर में हल्की छिटपुट वर्षा/बर्फबारी की संभावना है। इसके बाद, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 6 मार्च से डब्ल्यूएचआर और आसपास के मैदानी इलाकों को प्रभावित करने और इससे 6 से 8 मार्च के दौरान पूरे क्षेत्र में दूर-दूर तक अच्छी बारिश होने/बर्फबारी होने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 07 मार्च को बिजली कड़कने और बर्फबारी के साथ कहीं-कहीं पर भारी बारिश होने की संभावना है। 06 और 07 मार्च को पंजाब में छिटपुट से लेकर कहीं-कहीं हल्की बारिश/ बूंदाबांदी होने की संभावना है। उत्तर हरियाणा, चंडीगढ़ और इससे सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 07 मार्च को अलग-अलग स्थानों हल्की बारिश / बूंदाबांदी होने की संभावना है।
इसके बाद, लगातार दो पश्चिमी विक्षोभों से 9 से 15 मार्च तक डब्ल्यूएचआर के प्रभावित होने की संभावना है। इस क्षेत्र में छिटपुट से लेकर दूर-दूर तक अच्छी बारिश होने/ बर्फबारी होने की संभावना है। (चित्र 4 और 5 देखें)।
पहले सप्ताह के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में कुल मिलाकर दूर-दूर तक अच्छी बारिश होने और कहीं-कहीं गरज/बजली चमकने की संभावना है।
पहले सप्ताह के दौरान डब्ल्यूएचआर और पूर्वोत्तर राज्यों में कुल मिलाकर वर्षा की गतिविधि सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
11-13 मार्च 2021 के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश होने बादल गरजने और बिजली चमकने की संभावना है।
सप्ताह 2 (12 – 18 मार्च, 2021)
दूसरे सप्ताह के दौरान जम्मू और कश्मीर में सामान्य से अधिक तथा शेष डब्ल्यूएचआर और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। देश के शेष हिस्सों में सामान्य से कम या सामान्य बारिश होने की संभावना है। (चित्र 4 और 5 देखें)।
सप्ताह 3: (19 से 25 मार्च)
तीसरे सप्ताह में, जम्मू और कश्मीर सहित भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तरी भारत के आसपास के हिस्सों में सामान्य के कम बारिश होने की संभावना है। किसी प्रमुख पश्चिमी विक्षोभ की कमी में दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। (चित्र 4 और 5 देखें)।
सप्ताह 4: 26-31 मार्च, 2021
चौथे सप्ताह में, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, राजस्थान के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों, महाराष्ट्र और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। देश के शेष हिस्सों में सामान्य से कम या सामान्य बारिश होने की संभावना है। (चित्र 4 और 5 देखें)।
3.3 साइक्लोजेनेसिस
अगले दो सप्ताह के दौरान उत्तर हिंद महासागर में किसी भी तरह का चक्रवात आने की संभावना नहीं है।
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