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Valentine’s Day पर नहीं है कोई दोस्त, फिक्र मत करिए, मिलेगा किराए का Boyfriend

मुम्बई: 14 फरवरी का दिन जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा, प्यार करने वालों की धड़कने बढ़ने लगी हैं। जी हाँ, इसी दिन को पूरे विश्व में वेलेंटाइन डे (Valentine Day) के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, 7 से 14 फरवरी तक वेलेंटाइन डे से जुड़े हुए दिन मनाए जाते हैं, जैसे कि प्रपोज डे, […]

मुम्बई: 14 फरवरी का दिन जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा, प्यार करने वालों की धड़कने बढ़ने लगी हैं। जी हाँ, इसी दिन को पूरे विश्व में वेलेंटाइन डे (Valentine Day) के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, 7 से 14 फरवरी तक वेलेंटाइन डे से जुड़े हुए दिन मनाए जाते हैं, जैसे कि प्रपोज डे, चॉकलेट डे आदि। इस दिन पर लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं। इस दिन कुछ नए रिश्ते जुड़ते हैं वहीं, पुराने रिश्तों को फिर से प्यार में बांधने का दिन है। वैसे वेलेंटाइन डे पर अगर आपके पास कोई पार्टनर नहीं है, तो ये दिन आपके लिए एक बुरे अहसास की तरह होता है। लेकिन अब इस कमी को पूरा करने के लिए मुम्बई में एक ऐसा शख्स है जो किराए का ब्वॉयफ्रेंड (Boyfriend) बनकर आपके लिए इस दिन का अहसास बनाए रखता है।

जी न्यूज के मुताबिक, यह शख्स पिछले तीन साल से वेलेंटाइन डे पर किराए का ब्वॉयफ्रेंड बनता है और इस शख्स का नाम है शकुल। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के पेज पर शकुल ने लिखा है कि मेरी जिंदगी में कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही। मैं बस एक बार किसी को हां कहना चाहता हूं। जब दोस्त डेट पर जाते थे तो मुझे दुख होता था। फिर मैं अकेले निकल जाता था। हालांकि, अब बहुत कुछ बदल गया है।

शकुल ने आगे लिखा है कि वेलेंटाइन डे पर मुझे पता चलता है कि मैं गर्लफ्रेंड बनाने में कितना कमजोर हूं। कपल्स को एक दूसरे को प्रपोज करते सुनता हूं तो दुख होता है। मैंने कई लड़कियों को प्रपोज किया, लेकिन उन्होंने केवल दोस्त कहकर मेरा प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद मैंने उन लड़कियों के बारे में सोचना शुरू किया, जो वेलेंटाइन डे पर अकेली रहती हैं और साथी पाने की चाहत रखती हैं। 

शकुल ने लिखा है कि वह पिछले 3 सालों से किराए का ब्वॉयफ्रेंड बनता आ रहा है। उसने बताया कि बीते 3 साल में वह 45 महिलाओं के साथ डेट पर जा चुका हैं। शकुल ने लिखा है कि जब अकेला महसूस करने वाले मिलते हैं, तो अकेलापन कहीं खो जाता है। उसका कहना है कि उनके इस प्रयास से दोनों को ही खुशी मिल जाती है, भले ही कुछ पल की ही सही। वह लिखते हैं, किसी हमसफर की कमी तो महसूस होती है, लेकिन इसका दुख जितना पहले होता था, अब उतना नहीं होता है।

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