नई दिल्लीः देशभर में कोरोना टीकाकरण की शुरूआत हो चुकी है। टीकाकरण शुरू होने के बाद से ही इसके साइड इफेक्ट होने के मामले भी सामने आने लगे हैं। इसके बाद लोगों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया है नेता लोग टीका क्यों नहीं लगवा रहे हैं? जबकि उन्हें तो पहले लगवाना चाहिए क्योंकि वे जनता के प्रतिनिधि हैं। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 3 महीने पहले कहा था कि टीका आने के बाद सबसे पहले वह इसका डोज लेंगे लेकिन उन्होंने अभी तक टीका नहीं लगवाया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी दूसरे चरण में कोरोना वायरस का टीकाकरण करवाएंगे और यह मार्च या अप्रैल में हो सकता है। वर्तमान में भारत में लगभग 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्करों को टीके लगाए जा रहे हैं। अब तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 20 जनवरी 2021 तक कुल 7,86,842 लाभार्थियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और सांसद तथा दूसरे बड़े नेता दूसरे चरण में कोरोना टीके का डोज ले सकते हैं। अभी कोरोना टीकाकरण का पहला चरण चल रहा है जो कि आगामी अप्रैल तक समाप्त होगा। हालांकि, दूसरे चरण में, 50 साल से ऊपर के लोगों की कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत के कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी। राज्यों के परामर्श के बाद विशेषज्ञों और वैज्ञानिक समुदाय की सलाह के अनुसार टीकाकरण की प्राथमिकता तय की गई है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के स्वास्थ्य कार्यकर्ता, टीका प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति होंगे। उनके साथ, सफाई कर्मी, फ्रंट लाइन वर्कर्स, पुलिस और अर्धसैनिक बल, होम गार्ड्स, डिजास्टर मैनेजमेंट वालंटियर्स और सिविल डिफेंस में अन्य जवानों और रेवेन्यू और सर्विलांस से जुड़े रेवेन्यू अधिकारियों को भी पहले चरण में वैक्सीन की डोज दी जाएगी। ऐसे कर्मियों की कुल संख्या लगभग 3 करोड़ है।
कोविड टीकाकरण अभियान से पहलेे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में जोर दिया कि राजनेताओं को वैक्सीन लेने के लिए कतार में नहीं लगना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए। लेकिन दुनिया भर में, जो बिडेन, कमला हैरिस जैसे लोग पहले ही शॉट्स ले चुके हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही राज्य के नेताओं की लीग में शामिल होंगे।
दूसरे चरण में देश के उन 75 फीसदी सांसद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को टीका दिया जाएगा जिनकी आयु 50 या उससे अधिक है। इनमें से जिन जन प्रतिनिधियों में जीवनशैली से जुड़े रोग उच्च रक्तचाप या फिर मधुमेह इत्यादि रोग अनियंत्रित स्थिति में होंगे उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी। पीआरएस विधायी अनुसंधान के अनुसार, लोकसभा में 343 और राज्य सभा में 200 सांसद की आयु 50 या उससे अधिक है। ठीक इसी तरह मोदी सरकार की कैबिनेट में 95 फीसदी मंत्री टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।
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