नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में रविवार को मुरादनगर में एक श्मशान घाट की छत ढह जाने से 21 लोग मारे गए और कम से कम 24 अन्य घायल हो गए। ये सब लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने आए थे और बारिश से बचने के लिए एक छत के नीचे शरण ले ली थी। इस हादसे में जिस शख्स का अंतिम संस्कार हो रहा था उसका एक बेटा भी मारा गया। अधिकारियों ने कहा कि उनमें से अधिकांश जय राम के रिश्तेदार थे, जिनका उस समय अंतिम संस्कार किया जा रहा था। यह घटना मुरादनगर के उखलारसी गांव की है। घटनास्थल पर एक राष्ट्रीय आपदा बल (NDRF)को भी भेजा गया है।
बचावकर्मी श्मशान के इमारत के मलबे में घंटों तक घायलों की तलाश करते रहे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई और न फंसा हुआ हो। अधिकारियों ने बताया कि 21 मृतकों के अलावा 24 अन्य को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि श्मशान घाट पर मुरादनगर के फल कारोबारी जयराम का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। जयराम का 65 साल की उम्र में निधन हो गया था। अंतिम संस्कार के दौरान सभी लोग गेट से सटी गैलरी में खड़े थे। इसी दौरान यह हादसा हो गया। ढाई माह पहले ही यहां गैलरी बनाई गई थी।
लोगों का आरोप है कि गैलरी बनाने में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ था। मौके पर मौजूद जयराम के पोते देवेंद्र ने बताया कि उसके दादा का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। बाकी लोग दूर खड़े होकर देख रहे थे। इसी दौरान छत गिर गई। इससे वहां खड़े सभी लोग दब गए। देवेंद्र ने बताया कि हादसे में उनके चाचा की भी मौत हो गई है। एक चचेरा भाई मलबे के नीचे दबा हुआ है। हादसे में उनके पिता भी घायल हो गए।
मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख का मुआवजा
NDRF की टीम रेस्क्यू में जुटी है। बारिश की वजह से रेस्क्यू में परेशानी आ रही है। मृतकों में 3 की पहचान हो गई है। इनके नाम योगेंद्र, बंटी और ओंकार थे। ये संगम विहार और मुरादनगर के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरने वालों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मंडलायुक्त मेरठ और एडीजी मेरठ जोन से घटना की रिपोर्ट मांगी है।
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