नई दिल्लीः भारत गौसंवर्धन केंद्र द्वारा गौसंवर्धन, स्वदेशी, दिव्यांग महिला स्वाबलंबन एवम् आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत दीपावली के अवसर पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी की प्रतिमा, शुभ लाभ, डिजायनर सत्पदीया, गणेश, हाथी, शंख दीया, ॐ, श्री, स्वास्तिक आदी कलाकृति बनाई जा रही है।
इस अवसर पर संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि भारत की संस्कृति, परम्परा और धरोहर के पुनर्जागरण का कार्य पुनः शुरू हुआ है। गाय के गोबर मे लक्ष्मी जी विराजमान हैं। इन दीया और मूर्तियों में पंचगव्य एवम् जड़ी बूटियां मिलाई जा रही है ताकि स्वास्थ्य एवम् पर्यावरण संरक्षण हो सके।
उन्होंने कहा कि आज गौशालाओं में गाय के गोबर को नालों में बहाया जा रहा है। गाय का गोबर बहुत ही विशुद्ध औषधि है। खेत में डालकर फल, फूल, सब्जी उपजाया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभप्रद होगा। गाय के गोबर से जल, वायु और पर्यावरण का संरक्षण हो सकता है। गाय का गोबर पूरे देश में उपलब्ध है। दिव्यांग और महिलाओं को जोड़कर इससे उत्पाद तैयार कराकर स्वदेशी गौ उत्पाद को देश और दुनिया तक पहुंचाकर गाय को अर्थव्यवस्था की धुरी बनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना है।